वर्ष 2025 में GST संग्रह ने बनाया रिकॉर्ड, 22.08 लाख करोड़ पहुंचा संग्रह
भारत में GST ने वर्ष 2024-25 में 22.08 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड संग्रह के साथ महत्वपर्ण उपलब्धि हासिल की है। बता दें कि पिछले वर्ष की तुलना में यह 9.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वित्त मंत्रालय के द्वारा जारी की गई विज्ञप्ति के अनुसार, औसत मासिक GST संग्रह 1.84 लाख करोड़ रुपये रहा, जो 2017 में GST लागू होने के बाद से सबसे अधिक है। वहीं कुछ वर्षों में GST संग्रह लगातार बढ़ा है। जो 2020-21 में ₹11.37 लाख करोड़ से बढ़कर 2023-24 में ₹20.18 लाख करोड़ हो गया है, जो मजबूत आर्थिक गतिविधि को दर्शाता है।
GST परिषद की भूमिका
30 अप्रैल, 2025 तक अब 1.51 करोड़ से अधिक GST रजिस्टर हैं, जो कर प्रणाली में बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है। GST नीति का मार्गदर्शन करने के लिए गठित GST परिषद ने इस प्रणाली को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बता दें कि इस परिषद की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करते हैं और इसमें राज्य के वित्त मंत्री और अन्य प्रमुख अधिकारी भी शामिल होते हैं।
GST परिषद की बैठकें
बता दें वर्ष 2016 में GST परिषद का गठन किया गया था। गठन के बाद से परिषद ने 55 बैठकें की हैं, जिनमें GST प्रणाली को सरल और अधिक व्यापार के अनुकूल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। बता दें कि अब आठवें वर्ष में, GST को बड़ै पैमाने में भारत के सबसे महत्वपूर्ण कर सुधारों में से एक के रूप में देखा जाता है। GST ने कई अप्रत्यक्ष करों को एक एकल राष्ट्रव्यापी प्रणाली से बदल दिया, जिससे एक आम राष्ट्रीय बाजार बनाने और व्यापार करने की लागत को कम करने में मदद मिली।
GST के प्रति बढ़ता समर्थन
GST से छोटे और मध्यम व्यापारीयों का भी जीएसटी के प्रति समर्थन बढ़ा है। यह समर्थन पिछले साल 78 प्रतिशत से बढ़कर इस साल 82 प्रतिशत हो गया है जो इस प्रणाली की व्यापक स्वीकृति को दर्शाता है। अब GST अपने नौवें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, यह व्यापार करने में आसानी, बेहतर अनुपालन और मजबूत आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए विकसित हो रहा है।
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