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आयकर विभाग ने जारी किए नए ITR-1 और ITR-4 फॉर्म

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए आईटीआर फॉर्म में बदलाव

12:07 PM Apr 30, 2025 IST | IANS

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए आईटीआर फॉर्म में बदलाव

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए नए आयकर रिटर्न फॉर्म आईटीआर-1 और आईटीआर-4 जारी किए हैं। आईटीआर-1 अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की रिपोर्टिंग की अनुमति देता है, बशर्ते यह 1.25 लाख रुपये से अधिक न हो। आईटीआर-4 में डिजिटल लेनदेन के लिए टर्नओवर सीमा बढ़ाई गई है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 और असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म आईटीआर-1 और आईटीआर-4 को नोटिफाइड कर दिया है। 1 अप्रैल, 2024 से 31 मार्च, 2025 तक के वित्तीय वर्ष के दौरान अर्जित आय के लिए आईटीआर नए फॉर्म का उपयोग करके दाखिल किया जा सकता है। इस साल आईटीआर फॉर्म में एक बड़ा बदलाव यह है कि सेक्शन 112ए के तहत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) जमा करने के लिए आईटीआर-1 (सहज) दाखिल किया जा सकता है। हालांकि, इसकी शर्त यह है कि एलटीसीजी 1.25 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए और आयकरदाता के पास कैपिटल गेन कैटेगरी के तहत कैरी फॉरवर्ड या सेट ऑफ करने के लिए कोई नुकसान नहीं हो।

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इससे पहले, आईटीआर 1 में कैपिटल गेन टैक्स की रिपोर्टिंग का प्रावधान नहीं था। इस साल सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों और इक्विटी एक्सपोजर वाले म्यूचुअल फंड की बिक्री से हुए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर अपना रिटर्न दाखिल करने के लिए करदाता आईटीआर-1 का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, आईटीआर-1 फॉर्म का इस्तेमाल वे करदाता नहीं कर सकते हैं, जिन्हें गृह संपत्ति की बिक्री से या सूचीबद्ध इक्विटी और इक्विटी म्यूचुअल फंड से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन हुआ हो। सीबीडीटी के मुताबिक, आईटीआर-1 और आईटीआर-4 दोनों फॉर्म में 80सी से लेकर 80यू तक की सभी कटौतियों को ई-फाइलिंग सुविधा में ड्रॉप-डाउन से चुना जाना चाहिए। वहीं, धारा 89ए के अंतर्गत आने वाले विदेश में रखे गए सेवानिवृत्ति खातों से आय पर अब बेहतर फील्ड और रिलीफ ट्रैकिंग सुविधा होगी।

आईटीआर-4 सेक्शन 44एडी (बिजनेस) के तहत अगर डिजिटल लेनदेन व्यवसाय के लेनदेन का 95 प्रतिशत तक है, तो टर्नओवर सीमा अब 3 करोड़ रुपए होगी। धारा 44एडीए (प्रोफेशनल) में समान डिजिटल रसीद शर्त के तहत अब सीमा बढ़ाकर 75 लाख रुपए कर दी गई है। निष्क्रिय खातों को छोड़कर पिछले वर्ष के दौरान भारत में रखे गए सभी बैंक खातों को अब आईटीआर 1 और आईटीआर 4 फॉर्म में अनिवार्य रूप से रिपोर्ट करना होगा।

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