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पहले छह महीने में और बढ़ा राजकोषीय घाटा

केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा राजस्व में धीमी वृद्धि के चलते चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीने में ही बजट अनुमान के 95.3 प्रतिशत पर पहुंच गया।

12:17 PM Oct 26, 2018 IST | Desk Team

केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा राजस्व में धीमी वृद्धि के चलते चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीने में ही बजट अनुमान के 95.3 प्रतिशत पर पहुंच गया।

नई दिल्ली : केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा राजस्व में धीमी वृद्धि के चलते चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीने में ही बजट अनुमान के 95.3 प्रतिशत पर पहुंच गया। गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में इसकी जानकारी दी गयी। पिछले वित्त वर्ष में पहले छह महीने में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 91.3 प्रतिशत के बराबर रहा था। कुल खर्च तथा राजस्व प्राप्तियों सहित कुल प्राप्तियों के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। इस वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर अवधि में यह 5.94 लाख करोड़ रुपये रहा है। सरकार ने इस साल बजट में राजकोषीय घाटा कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.3 प्रतिशत रहने का लक्ष्य तय किया हुआ है।

पिछले साल के बजट में यह घाटा जीडीपी का 3.53 प्रतिशत रहा था। चालू वित वर्ष के बजट लक्ष्य के मुताबिक कुल राजकोषीय घाटा 3.3 प्रतिशत पर 6.24 लाख करोड़ रुपये रहना चाहिए। महालेखा नियंत्रक के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर अंत तक कर संग्रह 5.82 लाख करोड़ रुपये रहा जो बजट लक्ष्य का 39.4 प्रतिशत है। पिछले वित्त वर्ष के पहले छह महीने में यह बजट अनुमान का 44.2 प्रतिशत रहा था।

बजटीय स्तर से कम रहेगा राजकोषीय घाटा

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से सितंबर के दौरान सरकार की कुल प्राप्ति 7.09 लाख करोड़ रुपये यानी बजट अनुमान के 39 प्रतिशत के बराबर रही। एक साल पहले इसी अवधि में यह 40.6 प्रतिशत रही थी। इस दौरान सरकार का कुल खर्च 13.04 लाख करोड़ रुपये रहा जो बजट आकलन का 53.4 प्रतिशत है। इस दौरान कुल पूंजीगत खर्च 1.62 लाख करोड़ रुपये यानी बजट अनुमान का 54.2 प्रतिशत रहा।

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