Indi Us 2+2 Dialogues : 2+2 मीटिंग में अमेरिका के सामने खुली कनाडा की पोल, भारत ने अमेरिका को गिनाए ट्रूडो के 'गुनाह'
भारत ने कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों की बढ़ती गतिविधियों को लेकर अपनी गंभीर चिंताओं से शुक्रवार को अमेरिका को अवगत कराया। यह घटनाक्रम गत जून में एक सिख अलगाववादी की कनाडा में हत्या को लेकर नई दिल्ली और ओटावा के बीच राजनयिक गतिरोध के बीच हुआ है। कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की "संभावित" संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा सितंबर में आरोप लगाये जाने के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में तनाव आ गया था। अमेरिका भारत से हत्या की कनाडाई सरकार की जांच में सहयोग करने का आग्रह करता रहा है।
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने भारत-अमेरिका ‘टू प्लस टू' वार्ता के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘जहां तक कनाडा का सवाल है, हम अपने सभी मित्रों और साझेदारों के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं। इस मामले पर हमारी स्थिति कई मौकों पर स्पष्ट और विस्तार से बताई गई है।'' 'टू प्लस टू' मंत्रिस्तरीय वार्ता में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने किया, जबकि विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय पक्ष का नेतृत्व किया। जयशंकर और ब्लिंकन ने द्विपक्षीय बैठकें भी कीं।
क्वात्रा ने कहा, ‘‘हमारे साझेदारों के साथ हमारी बातचीत का जोर आज किसी भी अन्य मंच से अलग नहीं है - यह मूलतः यही है कि हमारी मुख्य चिंता सुरक्षा को लेकर है, पन्नू का एक हालिया वीडियो सामने आया है जो भारतीय हित के लिए एक बहुत ही गंभीर सुरक्षा चिंता उत्पन्न करता है।'' प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हाल ही में एक वीडियो जारी करके 19 नवंबर को एअर इंडिया की उड़ानों के यात्रियों को धमकी दी थी। इस दिन (19 नवंबर को) आईसीसी विश्व कप फाइनल होना है। यह पूछे जाने पर कि क्या वार्ता में कनाडा के साथ भारत के संबंधों पर चर्चा हुई, तो क्वात्रा ने कहा, ‘‘हमने अपने मित्रों और साझेदारों को अपनी स्थिति बहुत स्पष्ट कर दी है, वे भारत की भावना को समझते हैं और इसकी सराहना करते हैं।'' ट्रूडो के आरोपों के कुछ दिनों बाद, भारत ने कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करना अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था और ओटावा से समानता सुनिश्चित करने के लिए देश में अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करने के लिए कहा था। कनाडा पहले ही भारत से 41 राजनयिकों और उनके परिवार के सदस्यों को वापस बुला चुका है। भारत कुछ वीजा सेवाएं बहाल कर चुका है।