W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

UNHRC में भारत ने फिर पाकिस्तान को किया बेनकाब, आतंकवादी बनाने का अड्डा करार दिया

भारत ने मंगलवार को कहा कि खराब आर्थिक स्थिति का सामना कर रहे पाकिस्तान को सरकार प्रायोजित सीमापार आतंकवाद पर रोक लगानी चाहिए और अपने अल्पसंख्यक और अन्य समुदायों के मानवाधिकारों का संस्थागत उल्लंघन बंद करना चाहिए।

06:11 PM Mar 02, 2021 IST | Ujjwal Jain

भारत ने मंगलवार को कहा कि खराब आर्थिक स्थिति का सामना कर रहे पाकिस्तान को सरकार प्रायोजित सीमापार आतंकवाद पर रोक लगानी चाहिए और अपने अल्पसंख्यक और अन्य समुदायों के मानवाधिकारों का संस्थागत उल्लंघन बंद करना चाहिए।

Advertisement
unhrc में भारत ने फिर पाकिस्तान को किया बेनकाब  आतंकवादी बनाने का अड्डा करार दिया
Advertisement
भारत ने मंगलवार को कहा कि खराब आर्थिक स्थिति का सामना कर रहे पाकिस्तान को सरकार प्रायोजित सीमापार आतंकवाद पर रोक लगानी चाहिए और अपने अल्पसंख्यक और अन्य समुदायों के मानवाधिकारों का संस्थागत उल्लंघन बंद करना चाहिए।
Advertisement
मानवाधिकार परिषद के 46वें सत्र में पाकिस्तान के प्रतिनिधि के एक बयान की प्रतिक्रिया में एजेंडा आइटम 2 के तहत अपने उत्तर के अधिकार का उपयोग करते हुए भारत ने पाकिस्तान को नयी दिल्ली के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण प्रचार के लिए मंच का दुरुपयोग करने के लिए आड़े हाथ लिया।
जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव पवनकुमार बधे ने कहा, ‘‘खराब आर्थिक स्थिति वाला देश पाकिस्तान को एक अच्छी सलाह दी जाती है कि वह परिषद और उसके तंत्र का समय बर्बाद करना बंद करे, सरकार प्रायोजित सीमापार आतंकवाद पर रोक लगाये और मानव अधिकारों का संस्थागत उल्लंघन रोके।’’
बधे ने कहा, ‘‘इस परिषद के सदस्यों को अच्छी तरह से पता है कि पाकिस्तान ने खूंखार और सूचीबद्ध आतंकवादियों को सरकारी धन से पेंशन प्रदान की है और उसके यहां संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध आतंकवादियों की सबसे बड़ी संख्या है।’’
भारतीय राजनयिक ने उल्लेख किया कि पाकिस्तानी नेताओं ने इस तथ्य को स्वीकार किया है कि ‘‘वह आतंकवादी बनाने का अड्डा बन गया है।’’
भारतीय राजनयिक ने कहा, “पाकिस्तान ने इस बात को नजरअंदाज किया है कि आतंकवाद मानवाधिकारों के हनन का सबसे खराब रूप है और आतंकवाद के समर्थक मानवाधिकारों का सबसे बड़े उल्लंघनकर्ता हैं।’’
बधे ने कहा कि परिषद को पाकिस्तान से पूछना चाहिए कि उसके अल्पसंख्यक समुदायों जैसे ईसाई, हिंदू और सिखों की संख्या आजादी के बाद से क्यों कम हो गई है तथा उन्हें और अन्य समुदायों जैसे अहमदिया, शिया, पश्तून, सिंधी और बलूच को ईश निंदा के कठोर कानून, प्रणालीगत उत्पीड़न, ज़बरदस्त दुर्व्यवहार और जबरन धर्मांतरण का सामना क्यों करना पड़ता है।
राजनयिक ने कहा, ‘‘व्यवस्था के खिलाफ बोलने वालों को पाकिस्तान में लापता होने, न्यायेत्तर हत्याएं और मनमाने तरीके से हिरासत का सामना करना पड़ता है तथा इस सब राज्य की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा दंड के भय के बिना अंजाम दिया जाता है।’’
भारत ने आर्गेनाइजेशन आफ इस्लामिक कान्फ्रेंस के जम्मू कश्मीर पर बयान को भी खारिज किया और कहा उसे इस तरह के मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।
भारतीय राजनयिक ने कहा, ‘‘हम ओआईसी के बयान में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के संदर्भ को खारिज करते हैं। जम्मू कश्मीर से संबंधित मामलों पर टिप्पणी करने का उसे कोई अधिकार नहीं है जो कि भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है।’’
Advertisement
Author Image

Ujjwal Jain

View all posts

Advertisement
Advertisement
×