भारत बुधवार को होने वाली राष्ट्रव्यापी ‘मॉक ड्रिल’ के लिए पूरी तरह तैयार
पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और पाकिस्तान के साथ…
पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनज़र केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बुधवार को राष्ट्रव्यापी ‘मॉक ड्रिल’ आयोजित करने का निर्देश दिया है। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें से ज़्यादातर पर्यटक थे। नए और जटिल खतरों के मद्देनज़र यह कदम उठाया गया है।
दिल्ली में विशेष तैयारी
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों को आपात स्थिति से निपटने के लिए छात्रों और शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही एक वीडियो भी साझा किया गया है जिससे स्कूल समझ सकें कि मॉक ड्रिल को कैसे प्रभावी रूप से अंजाम दिया जाए।
बुधवार को शाम चार बजे दिल्ली के 55 स्थानों पर ‘ऑपरेशन अभ्यास’ किया जाएगा जिसमें हवाई हमले, आग लगने की स्थिति और खोज-बचाव अभियानों जैसी आपात परिस्थितियों का अभ्यास किया जाएगा।
अन्य राज्यों की तैयारी
मध्यप्रदेश: भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और कटनी जिलों में ड्रिल शाम 4 बजे से होगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं।
पंजाब: 20 स्थानों पर ड्रिल होगी, जिनमें अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, पटियाला और मोहाली जैसे शहर शामिल हैं। मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
गुजरात: 13 जिलों के 19 स्थानों पर ड्रिल होगी, जिनमें अहमदाबाद, सूरत, गांधीनगर, कच्छ और जामनगर शामिल हैं। मंत्री हर्ष संघवी ने कार्ययोजना की समीक्षा की है।
महाराष्ट्र: 10 जिलों में 16 स्थानों पर मॉक ड्रिल होगी। पुणे में 75 सायरनों का परीक्षण किया गया है। ड्रिल में पुलिस, अग्निशमन, चिकित्सा व अन्य एजेंसियां शामिल होंगी।
ओडिशा: 12 जिलों में ड्रिल आयोजित होगी। यह अभ्यास एक सप्ताह तक चलेगा और गांवों तक विस्तारित किया जाएगा। तटीय इलाकों में OSOMA और शहरी क्षेत्रों में अग्निशमन विभाग शामिल होंगे।
कर्नाटक: बेंगलुरू, कारवार और रायचूर में ड्रिल होगी। बेंगलुरु में रक्षा प्रतिष्ठान, कारवार में परमाणु ऊर्जा केंद्र और रायचूर में ताप बिजली संयंत्र के कारण इन जगहों का चयन किया गया है।
झारखंड: रांची, जमशेदपुर, बोकारो, गोड्डा और साहिबगंज जिलों में ड्रिल की जाएगी। पुलिस, अग्निशमन, चिकित्सा और नागरिक एजेंसियां मिलकर अभ्यास करेंगी।
कश्मीर घाटी: अनंतनाग, श्रीनगर, बारामूला, कुपवाड़ा और अन्य जिलों में SDRF और नागरिक सुरक्षा बल ड्रिल आयोजित करेंगे।
तमिलनाडु: कलपक्कम स्थित मद्रास परमाणु ऊर्जा स्टेशन और चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट में ड्रिल होगी।
अन्य राज्य: बिहार, असम, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर (इंफाल पश्चिम), और तेलंगाना (हैदराबाद के चार स्थान) में भी ड्रिल की जाएगी।
अधिकारियों ने बताया है कि सभी स्थानों पर मॉक ड्रिल की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसका उद्देश्य देश की आपात स्थिति से निपटने की क्षमता को परखना और सुधारना है।
क्या होती है सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल? जानिए इसके मकसद, प्रक्रिया और जरूरी सावधानियाँ
सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल एक पूर्व नियोजित सुरक्षा अभ्यास है, जिसमें वास्तविक आपातकालीन परिस्थितियों की तरह माहौल तैयार किया जाता है। इस दौरान हवाई हमले के सायरन बजाए जाते हैं, शहरों में ब्लैकआउट किया जाता है, नागरिकों को सुरक्षित आश्रयों की ओर ले जाया जाता है और आपातकालीन सेवाएं जैसे पुलिस, फायर ब्रिगेड, मेडिकल टीमें और स्वयंसेवक सक्रिय भूमिका निभाते हैं।
इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य आम नागरिकों को आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार करना है, ताकि किसी संकट के समय घबराहट, अफवाह और नुकसान को कम किया जा सके। यह ड्रिल नागरिकों के बीच सतर्कता और जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देती है।
सिविल डिफेंस जिले वे जिले होते हैं जिन्हें सरकार द्वारा विशेष रूप से चिन्हित किया जाता है। इन जिलों में आपदा या युद्ध जैसी गंभीर परिस्थितियों से निपटने के लिए विशेष व्यवस्थाएं और प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाती है। ऐसे जिलों में प्रशासन, पुलिस, अर्धसैनिक बल और नागरिक स्वयंसेवकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि संकट के समय आम लोगों की सुरक्षा और सहायता सुनिश्चित की जा सके।
यह अभ्यास न केवल सरकारी एजेंसियों की तैयारियों को परखने का अवसर देता है, बल्कि जनता को भी यह सिखाता है कि कठिन परिस्थितियों में कैसे संयम और सहयोग के साथ काम करना चाहिए।
मॉक ड्रिल के दौरान आपको ये पाँच काम ज़रूर करने चाहिए:
1. प्रशासन के निर्देशों का पालन करें
मॉक ड्रिल के समय स्थानीय प्रशासन, पुलिस या नागरिक सुरक्षा विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों का पूरी तरह से पालन करें। जैसे ही एयर रेड सायरन बजे, तुरंत सावधानी बरतें।
2. आवश्यक वस्तुएं साथ रखें
हमेशा एक छोटा इमरजेंसी किट तैयार रखें जिसमें पानी, जरूरी दवाइयां, टॉर्च, रेडियो, मोबाइल पावर बैंक और थोड़ी नकद राशि हो।
3. घबराएं नहीं, शांत रहें
ध्यान रखें कि यह एक अभ्यास है, वास्तविक हमला नहीं। घबराहट या अफवाह से स्थिति बिगड़ सकती है। शांत रहकर दूसरों की भी मदद करें।
4. अफवाहों से बचें, केवल सरकारी स्रोतों पर भरोसा करें
गैर-आधिकारिक या सोशल मीडिया से मिली जानकारी पर भरोसा न करें। सरकारी वेबसाइट, टीवी, रेडियो या आधिकारिक घोषणाएं ही सूचना के विश्वसनीय स्रोत हैं।
5. सहयोग करें और दूसरों की मदद करें
अगर आपके आसपास कोई बुजुर्ग, बच्चा या असहाय व्यक्ति है, तो उनकी सहायता करें। आपातकालीन टीमों को अपना काम करने दें और पूर्ण सहयोग दें।