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भारत अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश का आकर्षक स्थल: आर के सिंह

चार दिवसीय सम्मेलन 30 अकटूबर को शुरू होगा और इसका उद्धाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

03:38 PM Aug 08, 2019 IST | Desk Team

चार दिवसीय सम्मेलन 30 अकटूबर को शुरू होगा और इसका उद्धाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

नयी दल्ली : बिजली मंत्री आर के सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापक संभावना है और यह वैश्विक कंपनियों के लिये अक्षय ऊर्जा में निवेश के लिये एक आकर्षक स्थल है। देश में तीसरे वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेश सम्मेलन (आरई-इनवेस्ट) के बारे में जानकारी देने के लिये आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। चार दिवसीय सम्मेलन 30 अकटूबर को शुरू होगा और इसका उद्धाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
इस सम्मेलन के साथ अंतरराष्ट्रीय सौर संघ (आईएसए) का दूसरा महाधिवेशन भी आयोजित किया जाएगा। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल रहे सिंह ने कहा, ‘‘भारत में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापक संभावना है और यह अक्षय ऊर्जा में निवेश के लिये एक आकर्षक स्थल है। पूरी दुनिया में नवीकरणीय ऊर्जा को लेकर एक सहमति उभर रही है और आरई-इनवेस्ट इसे आगे ले जाने को लेकर एक उपयुक्त मंच उपलब्ध कराता है।’’ 
इस मौके पर नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा सचिव आनंद कुमार ने कहा कि भारत अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में अगले 2-3 साल में 80 अरब डालर निवेश की उम्मीद कर रहा है। कुमार ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरे वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन का उद्घाटन राजधानी में विज्ञान भवन में 30 अक्टूबर को करेंगे।’’ 30 अक्टूबर से दो नवंबर तक चलने वाला निवेशक सममेलन ग्रेटर नोएडा प्रदर्शनी केंद्र में होगा। चार दिन चलने वाले इस सम्मेलन का मकसद नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में उपयुक्त निवेश आकर्षित करना और भारत की इस क्षेत्र में विकास की कहानी को दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करना है। 
भारत नवीकरणीय ऊर्जा स्रातों से बिजली उत्पादन और वितरण के लिये स्वत: मार्ग से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूरी देता है। इस सम्मेलन के साथ अंतरराष्ट्रीय सौर संघ (आईएसए) के दूसरे महाधिवेशन का भी आयोजन किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय सौर संघ के महानिदेशक उपेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि दुनिया के एक अरब से अधिक लोगों तक बिजली पहुंचाने एवं वैश्विक ऊर्जा परिवेश को गति देने देने के लिये राजकोषीय वित्तीय ओर औद्योगिक नीतियों में तालमेल पर जोर दिया। 
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