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बिहार बंद को जनता का समर्थन नहीं, उपद्रवी दे सकते हैं साथ : राजीव रंजन

बिहार की जनता जानती हैं इन दलों की बुनियाद ही तुष्टिकरण और भेदभाव पर टिकी है. इसीलिए यह लोग एक तरफ घुसपैठियों का समर्थन कर रहे हैं

02:11 PM Dec 18, 2019 IST | Desk Team

बिहार की जनता जानती हैं इन दलों की बुनियाद ही तुष्टिकरण और भेदभाव पर टिकी है. इसीलिए यह लोग एक तरफ घुसपैठियों का समर्थन कर रहे हैं

बिहार बंद को जनता का समर्थन नहीं  उपद्रवी दे सकते हैं साथ   राजीव रंजन
 पटना : विपक्षी दलों द्वारा कल आहूत किए गये बिहार बंद को सियासी नौटंकी बताते हुए भाजपा प्रवक्ता व पिछड़े समाज के नेता श्री राजीव रंजन ने कहा “ बिहार के कुछ दलों द्वारा कल आहूत किए गया बंद चोरी और सीनाज़ोरी वाली कहावत को चरितार्थ करने वाला है. यह दल भले ही लाख गला फाड़ कर लोगों के हित में बिहार बंद करने का दावा करें लेकिन वास्तविकता यही है कि झूठ बोल जनता को भड़काने के बावजूद बिहार में फैली शांति देख इनके सीने पर सांप लोट रहे हैं.
जनता इनकी असलियत अच्छे से जानती है, इसीलिए धरातल पर इस बंद को किसी का समर्थन नहीं है, लेकिन कुछ उपद्रवी तत्व इनके साथ जरुर आ सकते हैं. लोगों को उनसे सावधान रहने की जरूरत है. बिहार की जनता जानती हैं इन दलों की बुनियाद ही तुष्टिकरण और भेदभाव पर टिकी है. इसीलिए यह लोग एक तरफ घुसपैठियों का समर्थन कर रहे हैं
और दूसरी तरफ केंद्र सरकार द्वारा लाए गये नागरिकता संशोधन कानून पर झूठ बोल बिहार की शांति भंग करने की साजिश कर रहे हैं. जब खुद प्रधानमन्त्री और गृहमंत्री विभिन्न मंचों से यह बार-बार कह चुके हैं कि यह नागरिकता देने वाला कानून है, 
नागरिकता लेने वाला नहीं तो बेफिजूल में बिहार बंद का क्या औचित्य रह जाता है? वास्तव में इस कानून के जरिए भारतीयों को अपनी भारतीयता साबित करनी पड़ेगी, ऐसा झूठ वही फैला सकते हैं, जिनके लिए अपना सियासी स्वार्थ देश की एकता और अखंडता से ऊपर हो. लोगों को यह अच्छे से पता है कि एक झूठ की बिनाह पर सिर्फ चंद लोगों के सियासी फायदे के लिए पूरे देश में अशांति फैलाने की कोशिश की जा रही है और बिहार को बंद करने की इन दलों की यह तैयारी, इसी साजिश का हिस्सा है.
 कल इन दलों द्वारा अपनी बंदी में की जाने वाली हिंसा और उत्पात के भय से कुछ इलाकों में दुकाने बंद हो सकती हैं. लेकिन इससे यह तय है कि इनके खिलाफ आम लोगों के मन में गुस्सा और बढ़ जाएगा. अगर आम लोगों को यह यकीन हो जाए कि कल कोई हिंसा नहीं होगी तो बिहार की एक गली भी इनके समर्थन में बंद नहीं होने वाली.”
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