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भारत और ब्राजील आतंकवाद के खिलाफ आपसी सहयोग बढ़ाने का किया फैसला

भारत और ब्राजील ने आतंक वित्तपोषण एवं राज्य प्रायोजित आतंकवाद की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए एफएटीएफ में साथ मिलकर काम करने का शनिवार को निश्चय किया।

04:43 PM Jan 25, 2020 IST | Shera Rajput

भारत और ब्राजील ने आतंक वित्तपोषण एवं राज्य प्रायोजित आतंकवाद की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए एफएटीएफ में साथ मिलकर काम करने का शनिवार को निश्चय किया।

भारत और ब्राजील ने आतंक वित्तपोषण एवं राज्य प्रायोजित आतंकवाद की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए एफएटीएफ में साथ मिलकर काम करने का शनिवार को निश्चय किया। 
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व्यापक वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर मेसियस बोलसोनारो ने सभी देशों से आतंकवाद के शरणस्थली को खत्म करने, उनके नेटवर्क एवं वित्तपोषण के मार्गों को अवरूद्ध कर देने तथा आतंकवादियों को सीमा के आर-पार आने जाने पर रोक देने की दिशा में मिलकर काम करने की अपील की। 
मोदी-बोलसोनारो की बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान के अनुसार दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि सीमापार आतंकवाद समेत सभी प्रकार के आतंकवाद का सफाया करने के अंतिम लक्ष्य के लिए वैश्विक कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए। 
भेंटवार्ता में दोनों नेता विशिष्ट आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए द्विपक्षीय सहयोग को गहरा बनाने पर सहमत थे। 
संयुक्त बयान में पाकिस्तान का नाम लिये बगैर कहा गया है , ‘‘ उन्होंने (दोनों देशों ने) यह सुनिश्चित करने के मकसद से सभी देशों के लिए इस आवश्यकता पर जोर दिया कि उनकी जमीन का उपयोग अन्य देशों पर आतंकवादी हमला करने हेतु नहीं किया जाएगा।’’ 
बयान के अनुसार मोदी और बोलसोनारो ने दोहराया कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद शांति और सुरक्षा के लिए सभी गभीर खतरों में एक है और उन्होंने इस बुराई से निपटने के लिए ठोस एवं समेकित वैश्विक कार्रवाई का आह्वान किया। 
बयान में कहा गया है, ‘‘ प्रधानमंत्री और ब्राजील के राष्ट्रपति ने धनशोधन, आतंकवाद के वित्तपोषण, राज्य प्रायोजित आतंकवाद आदि संबंधित मुद्दों पर वित्तीय कार्यबल कार्रवाई (एफएटीएफ) में मिलकर काम करने परस्पर दिलचस्पी दोहरायी।’’ 
एफएटीएफ ने पाकिस्तान पर उसकी जमीन से चल रहे आतंकवादी नेटवर्क पर कार्रवाई करने के लिए दबाव बढ़ा दिया है। अगले महीने पेरिस में होने वाले उसके अधिवेशन में इसकी विस्तृत समीक्षा की जाएगी कि पाकिस्तान ने आतंकवाद पर अंकुश लगाने की उसकी कार्ययोजना का पालन किया या नही। उसी के नतीजे के आधार पर एफएटीएफ तय करेगा कि उसे ईरान और उत्तर कोरिया के साथ काली सूची में डाला जाए या नहीं। 
भेंटवार्ता में मोदी और बोलसोनारो ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद समग्र संधि के शीघ्र अनुमोदन का भी आह्वान किया।
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