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India and Maldives partnership: मालदीव में भारत के उच्चायोग ने जीएमसीपी ब्रिज स्थल का किया निरीक्षण

04:33 AM Jun 04, 2024 IST | Shivam Kumar Jha

India and Maldives partnership: एक भारतीय कंपनी, Afcons ने मालदीव में अब तक की सबसे बड़ी बुनियादी ढाँचा परियोजना हेतु अनुबंध पर हस्ताक्षर किये हैं जो कि ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (GMCP) है। सितंबर 2019 में विदेश मंत्री एस जयशंकर की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति सोलिह और विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद द्वारा ग्रेटर माले कनेक्टिविटी ब्रिज का अनुरोध किया गया था। अब मालदीव में भारत के उच्चायोग ने मालदीव में प्रमुख विकास साझेदारी परियोजना - ग्रेटर माले कनेक्टिविटी ब्रिज की सराहना की है। यह मालदीव के परिवहन और आर्थिक क्षेत्र की गतिविधियों को गति प्रदान करेगा।

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मालदीव में भारत ने एक्स पर पोस्ट किया, "मालदीव में भारत की प्रमुख विकास साझेदारी परियोजना, ग्रेटर माले कनेक्टिविटी ब्रिज की जमीनी प्रगति देखकर खुशी हुई।" मालदीव के निर्माण और बुनियादी ढांचे के मंत्री, अब्दुल्ला मुथथलिब और मालदीव में भारतीय उच्चायुक्त, मुनु महावर ने चल रहे काम का बारीकी से निरीक्षण करने के लिए थिलामाले ब्रिज साइट, ग्रेटर माले कनेक्टिविटी ब्रिज का दौरा किया।

इस प्रोजेक्ट को लेकर निर्माण और बुनियादी ढांचा मंत्रालय ने ट्वीट किया, "आज, निर्माण और बुनियादी ढांचा मंत्री डॉ. अब्दुल्ला मुथथलिब और मालदीव में भारत के उच्चायुक्त मुनु महावर ने उच्चायोग के वरिष्ठ अधिकारियों, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ थिलामाले ब्रिज स्थल का निरीक्षण किया। तकनीकी टीम ने इस दौरे के दौरान, प्रतिनिधिमंडल द्वारा प्रगति और चल रहे कार्यों का बारीकी से अवलोकन किया गया और परियोजना सलाहकार और ठेकेदार AFCONS के प्रतिनिधि द्वारा उन्हें जानकारी दी गई।"

ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट:
इसमें 6.74 किमी. लंबा पुल एवं माले और आसपास के द्वीपों विलिंगिली (Villingili), गुल्हीफाहू (Gulhifalhu) तथा थिलाफूसी (Thilafushi) के बीच सेतु लिंक शामिल होगा। यह अक्षय ऊर्जा का उपयोग करेगा। इस परियोजना को भारत से 100 मिलियन अमेरिकी डाॅलर के अनुदान और 400 मिलियन अमेरिकी डाॅलर की लाइन ऑफ क्रेडिट (LOC) द्वारा वित्तपोषित किया गया है। यह न केवल मालदीव में भारत की सबसे बड़ी परियोजना है, बल्कि समग्र रूप से मालदीव में सबसे बड़ी बुनियादी ढाँचा परियोजना है।

 

ग्रेटर मेल कनेक्टिविटी परियोजना को भारतीय अनुदान और 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर के रियायती ऋण के साथ कार्यान्वित किया जा रहा है। इसे 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर की क्रेडिट लाइन (एलओसी) और भारत से 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुदान के माध्यम से वित्त पोषित किया जाता है। ग्रेटर मेल कनेक्टिविटी परियोजना (जीएमसीपी) एक परिवर्तनकारी बुनियादी ढांचा परियोजना है जो आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगी और मालदीव में रहने की आसानी में सुधार करेगी।

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