बिलावल भुट्टो के बदले सुर, बोला- भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे के विरोधी नहीं हैं
कराची : भारत के खिलाफ अक्सर तीखे बयान देने वाले पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के तेवर अब नरम पड़ते नजर आ रहे हैं। उन्होंने बुधवार को भारत से आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त लड़ाई में साझेदारी की अपील की।
“भारत-पाकिस्तान एक-दूसरे के विरोधी नहीं”
इस्लामाबाद पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए बिलावल भुट्टो ने कहा, “हम आतंकवाद के खिलाफ ऐतिहासिक और अभूतपूर्व साझेदारी के लिए भारत के साथ तैयार हैं। भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे के विरोधी नहीं हैं।” उन्होंने कहा कि दोनों देशों को पड़ोसी की तरह रहना चाहिए और आतंकवाद से नागरिकों को बचाने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए।
सिंधु जल संधि पर नरम रुख
गौरतलब है कि हाल के वर्षों में बिलावल भुट्टो ने सिंधु जल संधि को लेकर भारत के खिलाफ तीखे शब्दों का प्रयोग किया था। उन्होंने एक बार यह तक कह दिया था कि “सिंधु में या तो पानी बहेगा या खून।” लेकिन अब उनके सुर बदलते दिख रहे हैं। सम्मेलन में उन्होंने कहा, “पानी को हथियार न बनाएं। सिंधु घाटी सभ्यता हमारी साझा विरासत है। इसमें लौटना कमजोरी नहीं, बल्कि दूरदर्शिता है। हमें हिमालय जितनी मजबूत शांति की नींव रखनी होगी।”
अफगान तालिबान को चेतावनी
भुट्टो ने अफगान तालिबान पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, “हमने काबुल को बचाया, अब तालिबान को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। हथियारों की तस्करी और आतंकियों की आवाजाही को रोकना उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए।”
भारत की सख्ती के बाद बदले सुर?
बिलावल भुट्टो का यह बदला हुआ रुख 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित करने और शिमला समझौते की समीक्षा जैसे कड़े कदमों के बाद सामने आया है। भारत लंबे समय से पाकिस्तान से आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करता रहा है, लेकिन पाकिस्तान ने हमेशा इससे किनारा किया है। भुट्टो के इस बयान को भारत की बढ़ती सख्ती और वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की अलग-थलग होती स्थिति के संदर्भ में देखा जा रहा है।