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भारत और यूएई आतंकवाद के विरूद्ध कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे : PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अबू धाबी के युवराज एवं यूएई के सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान के साथ डिजिटल माध्यम से शिखर बैठक में कहा कि भारत और यूएई आतंकवाद के विरुद्ध कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे ।

12:28 AM Feb 19, 2022 IST | Shera Rajput

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अबू धाबी के युवराज एवं यूएई के सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान के साथ डिजिटल माध्यम से शिखर बैठक में कहा कि भारत और यूएई आतंकवाद के विरुद्ध कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे ।

भारत और यूएई आतंकवाद के विरूद्ध कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे   pm मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अबू धाबी के युवराज एवं यूएई के सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान के साथ डिजिटल माध्यम से शिखर बैठक में कहा कि भारत और यूएई आतंकवाद के विरुद्ध कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे ।
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प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के संबंधों के विविध आयामों एवं खाड़ी क्षेत्र के इस देश में हाल ही हुए आतंकी हमलों का जिक्र किया ।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम हाल में यूएई में हुए आतंकी हमलों की कड़ी निंदा करते हैं तथा भारत और यूएई आतंकवाद के विरुद्ध कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे ।’’
PM द्वारा जम्मू कश्मीर में निवेश में रुचि दिखाने की सराहना की
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प्रधानमंत्री ने संयुक्त अरब अमीरात द्वारा जम्मू कश्मीर में निवेश में रुचि दिखाने की सराहना की।
मोदी ने कहा कि पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल की सफल यूएई यात्रा के बाद अमीरात की कई कंपनियों ने जम्मू-कश्मीर में निवेश करने में रुचि दिखाई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वे यूएई द्वारा जम्मू-कश्मीर में लॉजिस्टिक, स्वास्थ्य सेवा, आतिथ्य समेत सभी क्षेत्रों में निवेश का स्वागत करते हैं ।
आर्थिक गठजोड़ समझौता पर किये हस्ताक्षर
भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने कारोबारी संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिये शुक्रवार को समग्र आर्थिक गठजोड़ समझौता (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किये तथा आपसी सहयोग बढ़ाने के लिये भविष्य का खाका पेश किया ।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ मुझे बहुत प्रसन्नता है कि दोनों देश आज समग्र आर्थिक गठजोड़ समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। यह उल्लेखनीय है कि इतने महत्वपूर्ण समझौते पर हम तीन महीने से भी कम समय में बातचीत संपन्न कर पाए। सामान्य तौर पर इस प्रकार के समझौते के लिए वर्षों लग जाते हैं ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह समझौता दोनों देशों की गहरी मित्रता, साझा दृष्टिकोण और विश्वास को दर्शाता है। मुझे विश्वास है कि इससे हमारे आर्थिक संबंधों में एक नया युग आरम्भ होगा।’’
दोनों देशों का व्यापार अगले पांच वर्षों में 60 अरब डॉलर से बढ़कर 100 अरब डॉलर तक पहुँच जाएगा – मोदी
मोदी ने उम्मीद जतायी कि इससे दोनों देशों का व्यापार अगले पांच वर्षों में 60 अरब डॉलर से बढ़कर 100 अरब डॉलर तक पहुँच जाएगा ।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ हम संयुक्त अन्वेषण और संयुक्त वित्त पोषण के माध्यम से दोनों देशों में स्टार्टअप को प्रोत्साहन दे सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इसी प्रकार, हमारे लोगों के कौशल विकास के लिए हम आधुनिक उत्कृष्टता संस्थान पर भी सहयोग कर सकते हैं।’’
अल नाहयान के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ हमारे संबंधों को मजबूत करने में आपकी व्यक्तिगत भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। कोविड महामारी के दौरान भी आपने जिस तरह संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के भारतीय समुदाय का ध्यान रखा है, उस के लिए मैं आपका सदैव आभारी रहूँगा ।’’

डिजिटल माध्यम से हुई बैठक में मोदी और अल नाहयान ने संयुक्त दृष्टि पत्र जारी किया, जिसका शीर्षक ‘भारत और यूएई समग्र सामरिक गठजोड़ में प्रगति : नये मोर्चे, नया मील का पत्थर’ है।
आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘ यह बयान भारत और यूएई के बीच भविष्योन्मुखी गठजोड़ का खाका तैयार करता है और प्रमुख क्षेत्रों एवं परिणामों की पहचान करता है। ’’
इसमें कहा गया है, ‘‘ इसका साझा मकसद नये कारोबार, निवेश एवं विविध क्षेत्रों में नवोन्मेष को बढ़ावा देना है जिसमें अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, जलवायु कार्य, उभरती प्रौद्योगिकी, कौशल एवं शिक्षा, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा तथा रक्षा एवं सुरक्षा आदि शामिल हैं।’’
इसमें कहा गया है कि सीईपीए विस्तारित बाजार पहुंच और कम शुल्क सहित दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार के लिये काफी सहायक होगा ।
इस बात की उम्मीद की जाती है कि सीईपीए से अगले पांच वर्षो में द्विपक्षीय कारोबार वर्तमान 60 अरब डॉलर से बढ़कर 100 अरब डॉलर हो सकता है।
दृष्टि पत्र में दोनों पक्षों ने नौवहन सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की, जिसका मकसद क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करना है। दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सीमापार आतंकवाद सहित आतंकवाद और कट्टरपंथ के सभी स्वरूपों के खिलाफ ल़ड़ाई के लिये प्रतिबद्धता व्यक्त की।
इसमें यूएई की कंपनियों के लिये समर्पित निवेश क्षेत्र की दिशा में काम करने तथा खाद्य गलियारा स्थापित करने पर ध्यान देने का भी उल्लेख किया गया है ।
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