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भारत-बांग्लादेश के बीच साझेदारी परस्पर सम्मान पर आधारित : भारतीय उच्यायुक्त

बांग्लादेश मुजीब बोरशो का जश्न मना रहा है और देश की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती मनाने की तैयारी कर रहा है, जो बांग्लादेश और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की 50 वीं वर्षगांठ को भी चिन्हित करता है।

07:42 PM Oct 09, 2020 IST | Desk Team

बांग्लादेश मुजीब बोरशो का जश्न मना रहा है और देश की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती मनाने की तैयारी कर रहा है, जो बांग्लादेश और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की 50 वीं वर्षगांठ को भी चिन्हित करता है।

बांग्लादेश में भारत के नए उच्यायुक्त विक्रम दोराईस्वामी ने कहा है कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच साझेदारी परस्पर सम्मान पर आधारित है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी लोगों की भावना का भारत गहराई से प्रशंसा और सम्मान करता है, जिन्होंने ऐतिहासिक संघर्ष के माध्यम से अपनी विशिष्ट पहचान के आधार पर राष्ट्र का निर्माण किया है। दोरईस्वामी ने ढाका में अपने सरकारी आवास, इंडिया हाउस में मीडिया के साथ बातचीत में गुरुवार को कहा, ‘मेरा मानना है कि सबसे करीबी रिश्तों को भी पोषित करने की आवश्यकता होती है। मेरी सरकार ने मुझे ठीक यही करने का आदेश दिया है।’
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दोरईस्वामी पूर्व भारतीय दूत रीवा गांगुली दास के डेढ़ साल के कार्यकाल के बाद नई दिल्ली के लिए रवाना होने के तीन दिन बाद सोमवार को त्रिपुरा से होकर बांग्लादेश पहुंचे। नए दूत का आगमन ऐसे समय में हुआ है जब बांग्लादेश मुजीब बोरशो का जश्न मना रहा है और देश की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती मनाने की तैयारी भी कर रहा है, जो बांग्लादेश और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की 50 वीं वर्षगांठ को भी चिन्हित करता है।
इस भावना के साथ, दोरईस्वामी ने इस साझेदारी के लिए अपनी सेवा की शुरुआत उन नायकों को श्रद्धांजलि देकर की जिन्होंने दोनों राष्ट्रों को इतिहास में इस मुकाम तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि वह और उनके सहयोगी बांग्लादेश और भारत के बीच सभी स्तरों पर साझेदारी को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। दोरई स्वामी ने कहा कि बांग्लादेश-भारत का संबंध साझा बलिदान, इतिहास, संस्कृति और घनिष्ठ संबंधों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि मैं इस बिंदु को रेखांकित करना चाहता हूं कि भारत के लिए बांग्लादेश की अहमियत कभी कम नहीं होगी। 
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