UPI लेनदेन में भारत बना विश्व में अग्रणी, जानें हर महीने का डिजिटल भुगतान
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत तेजी से भुगतान करने में वैश्विक अग्रणी के रूप में उभरा है। बता दें कि जून में UPI ने 18.39 बिलियन लेनदेन के माध्यम से 24.03 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया। वहीं पिछले वर्ष जून में 13.88 बिलियन यूपीआई का लेनदेन हुए था और इस वर्ष में 18.39 बिलियन का लेनदेन हुए, जो प्रत्येक वर्ष 32 प्रतिशत की तेजी से वृद्धि दर्शाता है।
IMF कि रिपोर्ट
IMF की जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, आज UPI भारत में सभी डिजिटल लेनदेन का 85 प्रतिशत और दुनिया भर में सभी रियल समय में डिजिटल भुगतानों का लगभग 50 प्रतिशत चला है। अब यह प्रतिदिन 640 मिलियन से अधिक लेनदेन संभालता है, जो वीज़ा जैसी वैश्विक दिग्गज कंपनी से आगे निकल गया है। जो प्रतिदिन लगभग 639 मिलियन लेनदेन दर्शाती है।
वित्तीय समावेशन बढ़ा
इससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका निभाई है। जिससे देश भर में लोगों को विशेष रूप से ग्रामीण, छोटे शहरों में आसानी और किफायती दर पर डिजिटल वित्तीय सेवाओ तक पहुंच बनाने में मदद मिली है। IMF की रिपोर्ट ने बताया कि भारत की सफलता किस प्रकार वर्षों के डिजिटल आधारभूत कार्य और समावेशी विकास के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग की मजबूत दृष्टि का परिणाम है।
UPI का बढ़ता महत्व
यूपीआई एक लेनदेन की प्रणाली के रूप में शुरू हुआ था, अब यह सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचे में एक वैश्विक बेचमार्क बन गया है। यूपीआई का प्रभाव सिर्फ़ भारत तक ही सीमित नहीं है। यह पहले से ही सात देशों में मौजूद है। जिनमे संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस शामिल है। बता दें कि भारत ब्रिक्स समूह में भुगतान मानक के रूप में यूपीआई को अपनाने की भी वकालत कर रहा है, रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि इसे स्वीकार कर लिया जाता है, तो इससे सीमा पार भुगतान तेज, सस्ता और अधिक सुरक्षित हो जाएगा, जिससे वैश्विक डिजिटल नेता के रूप में भारत की स्थिति और मजबूत होगी।
आईएएनएस
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