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भारत, ब्रिटेन ने संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिये 10 वर्ष का खाका बनाने पर जतायी सहमति, हिन्द प्रशांत क्षेत्र में बढायेंगे सहयोग

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन साल 2021 में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ वार्ता के बाद मंगलवार को इसके लिए भारत का निमंत्रण स्वीकार किए जाने की जानकारी दी।

11:46 PM Dec 15, 2020 IST | Shera Rajput

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन साल 2021 में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ वार्ता के बाद मंगलवार को इसके लिए भारत का निमंत्रण स्वीकार किए जाने की जानकारी दी।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन साल 2021 में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ वार्ता के बाद मंगलवार को इसके लिए भारत का निमंत्रण स्वीकार किए जाने की जानकारी दी। 
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विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने अपने संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिये 10 वर्षो का महात्वाकांक्षी खाका तैयार करने पर सहमति व्यक्त की । दोनों देशों ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सामरिक सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी सहमति जतायी । 
दोनों पक्षों ने बैठक के दौरान विविधि विषयों पर व्यापक चर्चा की । इस दौरान जयशंकर और राब ने कारोबारी गठजोड़ को आगे बढ़ाने के रास्तों पर चर्चा की जो भविष्य में मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में महत्वपूर्ण हो सकता है । 
जयशंकर ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों पक्षों ने चार घंटे तक विविध विषयों पर व्यापक चर्चा की और इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया कि अपने द्विपक्षीय संबंधों को उच्च स्तर तक कैसे ले जाया जाए । इस दौरान कारोबार एवं समृद्धि, रक्षा एवं सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, लोगों से लोगों के बीच सम्पर्क, स्वास्थ्य सेवा जैसे पांच क्षेत्रों पर चर्चा हुई । दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान, हिन्द प्रशांत एवं पश्चित एशिया से जुड़े घटनाक्रमों की समीक्षा की । 
जयशंकर ने कहा, ‘‘ कुल मिलाकर हमारी चर्चा काफी सार्थक रही और हमारा गठजोड़ अधिक महत्वाकांक्षी एवं परिणामदायक बना है । ’’ 
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘ हमारे प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है जो बड़े सम्मान की बात है। ’’
राब ने कहा कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले वर्ष ब्रिटेन की मेजबानी में आयोजित होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिये आमंत्रित किया है । 
गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने के निमंत्रण को ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जानसन द्वारा स्वीकार करने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ यह भारत ब्रिटेन संबंधों के नये युग की शुरूआत का प्रतीक होगा। ’’ 
वहीं, डाउनिंग स्ट्रीट के अनुसार, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत को हिन्द प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण ताकत बताते हुए कहा कि उनकी यात्रा वैश्विक ब्रिटेन के लिये उल्लासपूर्ण वर्ष की शुरूआत करने वाला और द्विपक्षीय संबंधों को काफी बढ़ाने वाला होगा । 
डाउनिंग स्ट्रीट ने कहा है कि अगले वर्ष प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान जिन क्षेत्रों को दोनों पक्षों द्वारा महत्व दिया जायेगा उनमें कारोबार, निवेश, रक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन आदि शामिल हैं । 
जॉनसन ने कहा, ‘‘ मैं अगले वर्ष भारत की यात्रा को लेकर हर्षित हूं जो वैश्विक ब्रिटेन के लिये उल्लास से भरा और द्विपक्षीय संबंधों को काफी आगे बढ़ाने वाला होगा जिस संकल्प को प्रधानमंत्री मोदी और मैने हासिल करने का संकल्प लिया है । ’’ 
बहरहाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘‘ हाल के वर्षो में आपको मालूम है कि वैश्विक राजनीति में काफी बड़े बदलाव आ रहे हैं और हम दोनों का मानना है कि साथ मिलकर काम करने से हमारे हित बेहतर एवं अधिक प्रभावी ढंग से साधे जा सकेंगे । ’’ 
जयशंकर ने बाद में अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब के साथ आज सार्थक चर्चा हुई । हमने कोविड -19 बाद और ब्रेक्जिट बाद की दुनिया में भारत-ब्रिटेन की मजबूत साझेदारी के अवसरों के बारे में चर्चा की । इस संबंध में 2030 के खाका पर काम कर रहे हैं । ’’ 
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति के अलावा महत्वपूर्ण मुद्दा खाड़ी का घटनाक्रम भी है और हमने हिन्द प्रशांत क्षेत्र के बारे में भी चर्चा की । 
इससे पहले मंगलवार को भारत यात्रा पर आए ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मुलाकात की । इस दौरान उन्होंने व्यापार, रक्षा, शिक्षा, पर्यावरण और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर वार्ता की। 
दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात के बाद शिष्टमंडल स्तर की वार्ता भी हुई । 
राब ऐसे समय में भारत यात्रा पर यहां आएं हैं, जब ब्रिटेन ब्रेक्जिट के बाद व्यापार समझौता करने के लिए यूरोपीय संघ के साथ जटिल वार्ता कर रहा है। राब 14 दिसंबर से 17 दिसंबर तक की भारत यात्रा पर आए हैं। 
बैठक के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब के साथ वार्ता में भारत एवं ब्रिटेन के संबंधों को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। 
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने अफगानिस्तान के हालात और खाड़ी देशों एवं हिंद-प्रशांत क्षेत्र संबंधी गतिविधियों की समीक्षा की । ’’ 
जयशंकर ने कहा, ‘‘ आतंकवाद और कट्टरवाद के कारण पैदा हुई चुनौतियों पर चर्चा की गई, जो साझा चिंताएं हैं । ’’ 
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद आर्थिक सुधार की गति तेज करने के लिये भारत-ब्रिटेन के बीच गठजोड़ महत्वपूर्ण है। 
वहीं, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने कहा ‘‘ हम भारत के साथ आर्थिक संबंध मजबूत करना चाहते है । ’’ 
राब ने कहा, ‘‘ हमने भारत-ब्रिटेन के लिये 10 वर्षो का खाका तैयार करने पर सहमति व्यक्त की ताकि हम दोनों देशों के बीच संबंधों की आकांक्षाओं को पूरा कर सकें । हम इसे वर्ष 2021 में आगे बढ़ाने को आशान्वित हैं । ’’
उन्होंने कहा कि दुनिया जिस तरह से बदल रही है, ऐसे में दोनों देशों के लिये नौवहन सुरक्षा, आपूर्ति श्रृंखला, जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे शीर्ष प्राथमिकता हैं । 
राब ने कहा ‘‘ हमारे संबंध विभिन्न क्षेत्रों में साझे हित और साझे मूल्यों पर आधारित हैं और हम कई तरह से सहयोग बढ़ाना चाहते हैं । ’’ 
ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार भारत के साथ मजबूत रक्षा एवं सुरक्षा गठजोड़ बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है । इससे आतंकवाद, नौवहन सुरक्षा के साथ पश्चिमी हिन्द महासागर में जल दस्यु से जुड़े साझे मुद्दों से निपटने में मदद मिलेगी । 
उन्होंने कहा, ‘‘ इससे अंतरिक्ष और साइबर सुरक्षा जैसी नयी एवं उभरती चुनौतियों से निपटने में भी मदद मिलेगी । हम साथ मिलकर काम करना चाहते हैं ताकि दूरसंचार नेटवर्क, 5 जी नेटवर्क अधिक सुरक्षित हो सकें । ’’ 
राब ने कहा कि एचएमएस क्विन एलिजाबेथ कैरियर स्ट्राइक ग्रूप अगले वर्ष हिन्द प्रशांत क्षेत्र में आयेगा । 
बातचीत से जुड़े जानकार लोगों से यह पूछे जाने पर कि क्या पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच गतिरोध के बारे में भी चर्चा हुई तब उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय सुरक्षा से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा की । 
गौरतलब है कि ब्रेक्जिट के मद्देनजर ब्रिटेन भारत जैसी अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापार संबंध मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि किसी व्यापार समझौते के बिना यूरोपीय संघ से बाहर आने पर ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को गहरा नुकसान होगा। 
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब का स्वागत किया। ’’ 
मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि राब की यात्रा से दोनों देशों के बीच कोविड-19 और ब्रेक्जिट के बाद के परिदृश्य में कारोबार, रक्षा, जलवायु, आवागमन, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में गठजोड़ और भी मजबूत होने का मार्ग प्रशस्त होगा । 
राब अपनी यात्रा के दौरान वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के साथ भी बैठक करेंगे। वह बेंगलुरू भी जायेंगे, जहां वह 17 दिसंबर को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा से मुलाकात करेंगे। 
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