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Boris Johnson Resigns : भारत ने बोरिस जॉनसन के इस्तीफे बताया ब्रिटेन का आंतरिक मामला

भारत ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के रूप में इस्तीफे की घोषणा को आंतरिक घटनाक्रम करार दिया, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि ब्रिटेन एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है जिसके साथ उसकी बहुआयामी साझेदारी जारी रहेगी।

11:03 PM Jul 07, 2022 IST | Shera Rajput

भारत ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के रूप में इस्तीफे की घोषणा को आंतरिक घटनाक्रम करार दिया, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि ब्रिटेन एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है जिसके साथ उसकी बहुआयामी साझेदारी जारी रहेगी।

boris johnson resigns   भारत ने बोरिस जॉनसन के इस्तीफे बताया ब्रिटेन का आंतरिक मामला
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भारत ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के रूप में इस्तीफे की घोषणा को ‘‘आंतरिक घटनाक्रम’’ करार दिया, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि ब्रिटेन एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है जिसके साथ उसकी बहुआयामी साझेदारी जारी रहेगी।
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जॉनसन ने इस्तीफे की घोषणा की
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सरकार को हिलाने वाले कई मामलों के मद्देनजर सहयोगियों का साथ छोड़ने के बीच जॉनसन (58) ने बृहस्पतिवार को कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के रूप में अपने इस्तीफे की घोषणा की। हालांकि, कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता चुनने की प्रक्रिया पूरी होने तक जॉनसन 10 डाउनिंग स्ट्रीट के प्रभारी बने रहेंगे।
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यह ब्रिटेन का आंतरिक मामला –  बागची
ब्रिटेन में राजनीतिक घटनाक्रम और जॉनसन की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘‘मैं वास्तव में नहीं जानता कि सही समय क्रम क्या है, वह कितने समय से पद पर हैं, कब पद से हट रहे हैं। यह आंतरिक घटनाक्रम है। हम ऐसी चीजों पर पैनी नजर रखते हैं लेकिन यह आंतरिक घटनाक्रम है।’’
ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहुत करीबी मित्रता का उल्लेख करते हुए बागची ने कहा कि बड़े मुद्दों पर ब्रिटेन एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार रहा है जिसके साथ ‘‘हमारी बहुआयामी साझेदारी और संबंध हैं, महत्वपूर्ण है कि आगे भी यह जारी रहे।’’ उन्होंने नेतृत्व परिवर्तन पर आगे टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
यह पूछे जाने पर कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र की तदर्थ समिति को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 ए में निर्धारित उपायों के समान कदमों को अपनाने का सुझाव दिया है, बागची ने कहा कि भारत की तरफ से निवेदन मई, 2022 में किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक तकनीकी मामला है। इसमें अंतर-मंत्रालयी सूचनाएं आती हैं। बेशक विदेश मंत्रालय नेतृत्व कर रहा है। संबंधित मंत्रालय के साथ इस पर गौर करना होगा।’’
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Shera Rajput

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