For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

Dalai Lama Ladakh Tour : भारत-चीन सीमा विवाद को वार्ता और शांतिपूर्ण तरीकों के माध्यम से हल किया जाना चाहिए - दलाई लामा

तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने शुक्रवार को लद्दाख की अपनी महीने भर की यात्रा शुरू की और कहा कि भारत-चीन सीमा विवाद को वार्ता और शांतिपूर्ण तरीकों के माध्यम से हल किया जाना चाहिए क्योंकि सेना का इस्तेमाल एक पुराना विकल्प है।

10:53 PM Jul 15, 2022 IST | Shera Rajput

तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने शुक्रवार को लद्दाख की अपनी महीने भर की यात्रा शुरू की और कहा कि भारत-चीन सीमा विवाद को वार्ता और शांतिपूर्ण तरीकों के माध्यम से हल किया जाना चाहिए क्योंकि सेना का इस्तेमाल एक पुराना विकल्प है।

dalai lama ladakh tour   भारत चीन सीमा विवाद को वार्ता और शांतिपूर्ण तरीकों के माध्यम से हल किया जाना चाहिए   दलाई लामा
तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने शुक्रवार को लद्दाख की अपनी महीने भर की यात्रा शुरू की और कहा कि भारत-चीन सीमा विवाद को ‘‘वार्ता और शांतिपूर्ण तरीकों’’ के माध्यम से हल किया जाना चाहिए क्योंकि सेना का इस्तेमाल एक पुराना विकल्प है।
Advertisement
पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध के बीच आध्यात्मिक नेता की लद्दाख यात्रा से चीन के नाराज होने की आशंका है। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि दलाई लामा की लद्दाख यात्रा ‘‘पूरी तरह से धार्मिक’’ है और किसी को भी इस पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
दलाई लामा ने लद्दाख रवाना होने से पहले जम्मू में संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत और चीन सबसे अधिक आबादी वाले देश और पड़ोसी हैं। देर-सबेर आपको इस समस्या (वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सीमा विवाद) को बातचीत और शांतिपूर्ण तरीकों से सुलझाना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सैन्य बल के इस्तेमाल का विकल्प अब पुराना हो गया है।’’
अधिकारी कहा कि यह पहली बार नहीं है कि दलाई लामा सीमावर्ती क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं क्योंकि वह पहले भी कई बार लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश का दौरा कर चुके हैं। अधिकारी ने कहा, ‘‘दलाई लामा आध्यात्मिक नेता हैं और उनकी लद्दाख यात्रा पूरी तरह से धार्मिक है। उनके दौरे पर किसी को आपत्ति क्यों होनी चाहिए।’’
Advertisement
इस महीने की शुरुआत में चीन ने दलाई लामा को उनके 87वें जन्मदिन पर बधाई देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा था कि भारत को चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए तिब्बत से संबंधित मुद्दों का इस्तेमाल करना बंद कर देना चाहिए। वहीं, भारत ने चीन की आलोचना को खारिज करते हुए कहा था कि दलाई लामा देश के सम्मानित अतिथि हैं।
पिछले दो वर्षों में हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के बाहर दलाई लामा की यह पहली यात्रा है। अधिकारी ने कहा, ‘‘दलाई लामा इससे पहले भी लद्दाख का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने तवांग (अरुणाचल प्रदेश) की भी यात्रा की थी, लेकिन महामारी के कारण पिछले दो वर्षों में वह कोई यात्रा नहीं कर सके।’’
जम्मू में दलाई लामा ने कश्मीर मुद्दे पर एक सवाल को टाल दिया और कहा, ‘‘यह जटिल मुद्दा है. मुझे इसके बारे में पता नहीं है।’’ लद्दाख में उनकी यात्रा पर चीन द्वारा उठाई गई आपत्तियों के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए दलाई लामा ने कहा कि यह सामान्य है लेकिन चीनी लोगों ने इस पर आपत्ति नहीं की है। दलाई लामा ने कहा, ‘‘कुछ चीनी कट्टरपंथी मुझे अलगाववादी और प्रतिक्रियावादी मानते हैं। वे हमेशा मेरी आलोचना करते हैं।’’
तिब्बती आध्यात्मिक नेता ने बृहस्पतिवार को जम्मू में कहा था कि चीन में अधिक से अधिक लोग यह महसूस करने लगे हैं कि वह ‘‘स्वतंत्रता’’ नहीं बल्कि तिब्बती बौद्ध संस्कृति की सार्थक स्वायत्तता और संरक्षण की मांग कर रहे हैं। दलाई लामा 1959 में तिब्बत से पलायन के बाद से भारत में रह रहे हैं।
Advertisement
Author Image

Shera Rajput

View all posts

Advertisement
×