अंतरिक्ष में भारत ने रचा इतिहास, ISRO ने लॉन्च किया NISAR मिशन
भारत ने एक बार फिर अंतरिक्ष में इतिहास रच दिया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अमेरिका की नासा ने एक साथ मिलकर निसार मिशन लॉन्च किया। यह सैटेलाइट बुधवार की शाम को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च की गई। निसार मिशन पृथ्वी की बेहतर निगरानी करेगा। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि बधाई हो भारत। दुनिया के पहले दोहरे बैंड वाले रडार उपग्रह निसार को ले जाने वाले जीएसएलवी-एफ16 का सफल प्रक्षेपण हुआ।
पृथ्वी की बेहतर निगरानी करेगा निसार
चक्रवात और बाढ़ आदि जैसी आपदाओं के सटीक प्रबंधन में एक क्रांतिकारी बदलाव होगा। इसके अलावा कोहरे, घने बादलों, बर्फ की परतों आदि को भेदने की इसकी क्षमता इसे विमानन और नौवहन क्षेत्रों के लिए एक अग्रणी उपकरण बनाती है। उन्होंने कहा कि निसार से प्राप्त इनपुट पूरे विश्व समुदाय को लाभान्वित करेंगे, 'विश्वबंधु' की सच्ची भावना के अनुरूप। ऐसे समय में अंतरिक्ष विभाग से जुड़ने पर गर्व है जब टीम इसरो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोगात्मक संरक्षण में, एक के बाद एक वैश्विक उपलब्धियां दर्ज कर रही है।
प्राकृतिक आपदाओं की मिलेगी सटीक जानकारी
1.5 बिलियन डॉलर के इस मिशन का उद्देश्य पृथ्वी की सतह की निगरानी के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाना है। इसका खास मकसद प्राकृतिक आपदाओं और पर्यावरण में हो रहे बदलावों पर बारीकी से नजर रखना है। निसार (नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार) एक ऐतिहासिक प्रोजेक्ट है। यह पहला ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसमें धरती को देखने के लिए दो अलग-अलग फ्रीक्वेंसी वाले रडार, नासा का एल-बैंड और इसरो का एस-बैंड, का इस्तेमाल किया गया है। इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने सभी टीमों को निसार मिशन की सफल लॉन्चिंग के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस मिशन से सभी को फायदा होगा और धरती की बेहतर निगरानी होगी।