For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

भारत ने विकास के लिए प्रकृति का दोहन नहीं किया : मोहन भागवत

भारत ने बिना प्रकृति का दोहन किए विकास किया हैं…

07:35 AM Apr 08, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat

भारत ने बिना प्रकृति का दोहन किए विकास किया हैं…

भारत ने विकास के लिए प्रकृति का दोहन नहीं किया   मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि भारत ने कभी अपने ज्ञान पर अहंकार नहीं किया और बिना प्रकृति का दोहन किए विकास किया। उत्तर प्रदेश के गोला तहसील अंतर्गत कबीरधाम मुस्तफाबाद आश्रम में एक सत्संग के दौरान मोहन भागवत ने भारतीय संस्कृति और समाज पर अपने विचार रखते हुए ये बातें कहीं।उन्होंने कहा कि संत कबीर की वाणी केवल भक्ति का माध्यम नहीं, सामाजिक चेतना की आवाज है। उन्होंने युवाओं से सेवा, समर्पण और राष्ट्र निर्माण के मार्ग पर चलने का आह्वान किया। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि भारत ने विकास किया, लेकिन प्रकृति का दोहन नहीं किया। भारत की परंपराएं, उसकी विद्या और जीवनदृष्टि आज भी दुनिया को राह दिखा सकती हैं।

आत्मकल्याण से विश्वकल्याण की ओर बढ़ने का आह्वान करते हुए मोहन भागवत ने कहा, हमारी संस्कृति की आत्मा सेवा, समर्पण और कर्तव्यबोध है। उन्होंने कहा कि जीवन की पूर्णता इसी में है कि हम स्वयं, परिवार, समाज और राष्ट्र के लिए कार्य करें। भारत माता की आत्मा को जागृत रखना ही हमारा सच्चा धर्म है। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में भी विविधता में एकता का संदेश है। भौतिक सुख-सुविधाओं के बावजूद भारत ने अपनी आध्यात्मिक परंपराओं को नहीं खोया। चित्त की शुद्धता को ईश्वर प्राप्ति का मार्ग बताते हुए उन्होंने पारिवारिक व्यवस्था को भारतीय समाज की आत्मा बताया और कहा कि भारत में परिवार ही समाज की इकाई है, जबकि पश्चिम में व्यक्ति।

मोहन भागवत ने कहा कि भारत ने कभी अपने ज्ञान पर अहंकार नहीं किया, न ही पेटेंट कराकर ज्ञान को रोका। यही दान और सेवा की भावना भारत की विशेषता है। संघ प्रमुख ने कहा कि सच्चा सुख आत्मा की शांति में है, भोग की लालसा में नहीं। कबीरधाम के प्रमुख संत असंग देव महाराज ने आरएसएस प्रमुख का स्वागत करते हुए कहा, यह आश्रम पहले ही पवित्र था, लेकिन डॉ. भागवत के आने से यह और मनभावन हो गया है। उन्होंने भूमि पूजन कर नए आश्रम की आधारशिला भी रखी।

Advertisement
Advertisement
Author Image

Rahul Kumar Rawat

View all posts

Advertisement
×