विदेशी निवेश में भारत का दबदबा, तीन एशियाई लाभार्थियों बाजार में शामिल
रुपया की स्थिरता से निवेशकों का भरोसा
भारत विदेशी निवेश में प्रमुख स्थान हासिल कर रहा है। टैरिफ की अनिश्चितताओं के चलते विदेशी निवेशकों का ध्यान भारत पर है, जिससे देश एशिया के तीन प्रमुख लाभार्थियों में शामिल हो गया है। रुपया की स्थिरता, ब्याज दर कटौती और निवेश के लिए भारत का आकर्षक बाजार बनना इस सफलता की मुख्य वजहें हैं।
भारतीय बाजार विदेशी निवेश में लगातार आगे बढ़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार टैरिफ के कारण बढ़ती अनिश्चितताओं से विदेशी निवशकों का ध्यान भारत की ओर रहा है जिससे भारत एशिया में तीन लाभार्थियों में पहुंच गया है। इस स्थान तक पहुंचने के लिए कई बातें मायने रखती है जैसे रुपया का स्थिर होना, ब्याज दर में कटौती करना और विदेशी निवेश के लिए भारत का प्रमुख स्थान बनना। रुपया की स्थिरता और ब्याज दर में संभावित कटौती से आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिल सकता है। दक्षिण कोरिया के निवेशक भी भारत की ओर आकर्षित हो सकते हैं।
भारतीय बाजार में निवेश
भारतीय रुपया में गिरावट के बाद अब स्थिर का दौर चालू है। बता दें कि वर्ष 2024 में रुपया में 2.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की थी लेकिन अब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही बोफा सिक्योरिटीज के अधिकारी ने बताया कि निवेश करने के लिए भारत सर्वोत्तम बाजरों में से एक है जिससे दक्षिण कोरिया के निवेशक भी आकर्षित हो सकते है।
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आरबीआई रेपो दर में कर सकता है कटौती
बोफा सिक्योरिटीज का मानना है कि आरबीआई रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है। महंगाई दर 4% से नीचे होने के कारण, केंद्रीय बैंक आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए दरों में कमी कर सकता है।