फिर उछला India का विदेशी मुद्रा भंडार, इतने अरब डॉलर की हुई वृद्धि
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को बताया कि 25 जुलाई 2025 को समाप्त हुए सप्ताह में India का विदेशी मुद्रा भंडार 2.7 अरब डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 698.19 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। इस बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण विदेशी मुद्रा संपत्तियों (Foreign Currency Assets - FCA) में आया इजाफा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, FCA इस सप्ताह 1.31 अरब डॉलर की बढ़त के साथ 588.93 अरब डॉलर तक पहुंच गई। ध्यान देने योग्य बात यह है कि ये आंकड़े अमेरिकी डॉलर में होते हैं, लेकिन इनमें यूरो, पाउंड और येन जैसी अन्य मुद्राओं की वैल्यू में बदलाव का असर भी शामिल होता है।
सोने के भंडार में इजाफा
इस हफ्ते देश के स्वर्ण भंडार में भी बढ़ोतरी हुई है। आरबीआई के अनुसार, यह भंडार 1.2 अरब डॉलर की बढ़त के साथ अब 85.7 अरब डॉलर हो गया है। यह भी विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने का एक अहम कारण रहा।
IMF से जुड़े भंडार में भी बढ़ोतरी
India के अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ विशेष आहरण अधिकार (SDR) भी इस सप्ताह 12.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.8 अरब डॉलर हो गए हैं। इसके अलावा, IMF के साथ India की रिजर्व पोजिशन 5.5 करोड़ डॉलर की बढ़त के साथ 4.75 अरब डॉलर तक पहुंच गई। वहीं आरबीआई समय-समय पर विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करता है ताकि रुपये की विनिमय दर में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को रोका जा सके। इसका उद्देश्य किसी खास विनिमय दर को बनाए रखना नहीं होता, बल्कि बाजार में स्थिरता लाना होता है।
FDI में भी देखने को मिली मजबूती
आरबीआई के मासिक बुलेटिन के मुताबिक, अप्रैल 2025 में India को 8.8 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त हुआ, जो मार्च 2025 में आए 5.9 अरब डॉलर और अप्रैल 2024 में प्राप्त 7.2 अरब डॉलर से ज्यादा है। वहीं इस एफडीआई का करीब आधा हिस्सा मैन्युफैक्चरिंग और बिजनेस सर्विस सेक्टर में आया। इससे देश के औद्योगिक विकास को गति मिल रही है।
India बना FDI का बड़ा केंद्र
आरबीआई बुलेटिन में यह भी बताया गया है कि India FDI (एफडीआई) प्राप्त करने के मामले में दुनिया में 16वें स्थान पर है। वर्ष 2020 से 2024 के बीच India ने डिजिटल इकोनॉमी के क्षेत्र में 114 अरब डॉलर का ग्रीनफील्ड निवेश आकर्षित किया, जो ग्लोबल साउथ के सभी देशों में सबसे ज्यादा है।
FPI से भी मिली मजबूती
मई 2025 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) का शुद्ध प्रवाह 1.7 अरब डॉलर रहा। यह लगातार तीसरा महीना था जब Share Market में सकारात्मक माहौल बना रहा। अमेरिका-चीन व्यापार तनाव में राहत, India -पाकिस्तान युद्धविराम और मजबूत कॉर्पोरेट आय जैसी घरेलू और वैश्विक घटनाओं से निवेशकों का भरोसा बढ़ा।