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फिर उछला India का विदेशी मुद्रा भंडार, इतने अरब डॉलर की हुई वृद्धि

09:32 PM Aug 01, 2025 IST | Amit Kumar
फिर उछला India का विदेशी मुद्रा भंडार

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को बताया कि 25 जुलाई 2025 को समाप्त हुए सप्ताह में India का विदेशी मुद्रा भंडार 2.7 अरब डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 698.19 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। इस बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण विदेशी मुद्रा संपत्तियों (Foreign Currency Assets - FCA) में आया इजाफा है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, FCA इस सप्ताह 1.31 अरब डॉलर की बढ़त के साथ 588.93 अरब डॉलर तक पहुंच गई। ध्यान देने योग्य बात यह है कि ये आंकड़े अमेरिकी डॉलर में होते हैं, लेकिन इनमें यूरो, पाउंड और येन जैसी अन्य मुद्राओं की वैल्यू में बदलाव का असर भी शामिल होता है।

सोने के भंडार में इजाफा

इस हफ्ते देश के स्वर्ण भंडार में भी बढ़ोतरी हुई है। आरबीआई के अनुसार, यह भंडार 1.2 अरब डॉलर की बढ़त के साथ अब 85.7 अरब डॉलर हो गया है। यह भी विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने का एक अहम कारण रहा।

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IMF से जुड़े भंडार में भी बढ़ोतरी

India के अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ विशेष आहरण अधिकार (SDR) भी इस सप्ताह 12.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.8 अरब डॉलर हो गए हैं। इसके अलावा, IMF के साथ India की रिजर्व पोजिशन 5.5 करोड़ डॉलर की बढ़त के साथ 4.75 अरब डॉलर तक पहुंच गई। वहीं आरबीआई समय-समय पर विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करता है ताकि रुपये की विनिमय दर में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को रोका जा सके। इसका उद्देश्य किसी खास विनिमय दर को बनाए रखना नहीं होता, बल्कि बाजार में स्थिरता लाना होता है।

FDI में भी देखने को मिली मजबूती

आरबीआई के मासिक बुलेटिन के मुताबिक, अप्रैल 2025 में India को 8.8 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त हुआ, जो मार्च 2025 में आए 5.9 अरब डॉलर और अप्रैल 2024 में प्राप्त 7.2 अरब डॉलर से ज्यादा है। वहीं इस एफडीआई का करीब आधा हिस्सा मैन्युफैक्चरिंग और बिजनेस सर्विस सेक्टर में आया। इससे देश के औद्योगिक विकास को गति मिल रही है।

India बना FDI का बड़ा केंद्र

आरबीआई बुलेटिन में यह भी बताया गया है कि India FDI (एफडीआई) प्राप्त करने के मामले में दुनिया में 16वें स्थान पर है। वर्ष 2020 से 2024 के बीच India ने डिजिटल इकोनॉमी के क्षेत्र में 114 अरब डॉलर का ग्रीनफील्ड निवेश आकर्षित किया, जो ग्लोबल साउथ के सभी देशों में सबसे ज्यादा है।

FPI से भी मिली मजबूती

मई 2025 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) का शुद्ध प्रवाह 1.7 अरब डॉलर रहा। यह लगातार तीसरा महीना था जब Share Market में सकारात्मक माहौल बना रहा। अमेरिका-चीन व्यापार तनाव में राहत, India -पाकिस्तान युद्धविराम और मजबूत कॉर्पोरेट आय जैसी घरेलू और वैश्विक घटनाओं से निवेशकों का भरोसा बढ़ा।

Share Market Today 1 August: लाल निशान पर भारतीय शेयर बाजार, एशिया बाजार में भी गिरावट

Share Market Today 1 August: भारत पर अमेरिकी टैरिफ लगाने को लेकर आज भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में खुला। खबर लिखते समय तक सेंसेक्स 195 अंक और 0.24 प्रतिशत की बढ़त के साथ 80,990 और निफ्टी 68 अंक और 0.28 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,699 पर रहा। भारतीय बाजार के साथ ही अमेरिकी की ओर से लगाए गए टैरिफ के कारण वैश्विक बाजारों में भी गिरावट देखी जा रही है।

फार्मा इंडेक्स में गिरावट

भारतीय बाजार में गिरावट के साथ ही फार्मा सेक्टर के शेयर गिरावट दर्ज की गई है। बता दें कि शुरुआती कारोबार में निफ्टी फार्मा इंडेक्स 2 प्रतिशत से अधिक गिर गया है। साथ ही ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, मेटल और रियल्टी इंडेक्स भी लाल निशान में रहे।

टॉप गेनर्स और टॉप लूजर्स

Share Market  में गिरावट के साथ ही सेंसेक्स में HUL, Asian Paints, Kotak Mahindra Bank, ITC, Bajaj Finance, Bajaj Finserv, UltraTech Cement और ICICI Bank Top गेनर्स थे। Sun Pharma, M&M, Tata Steel, Tata Motors, Power Grid, Infosys, Tech Mahindra और Maruti Suzuki top लूजर्स रहे।

Midcap Smallcap में गिरावट

मिडकैप और स्मॉलकैप भी लाल निशान में कारोबार कर रहा है। Nifty Midcap 100 इंडेक्स 343 अंक और 0.60 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57.056 पर रहा और Nifty Smallcap 100 इंडेक्स 109 अंक और 0.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17.856 पर रहा।

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