Top NewsIndiaWorld
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

यूक्रेन युद्ध के नतीजों के प्रभाव को कम करने के लिये मिलकर काम कर रहे भारत, फ्रांस : लेनैन

फ्रांसीसी राजदूत इमैनुएल लेनैन ने कहा है कि यूक्रेन में रूसी युद्ध बिना उकसावे के खुलेआम हमला है। उन्होंने कहा कि फ्रांस और भारत खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा पर युद्ध के नतीजों के प्रभाव को कम करने के तरीकों पर काम कर रहे हैं।

11:09 PM Oct 01, 2022 IST | Shera Rajput

फ्रांसीसी राजदूत इमैनुएल लेनैन ने कहा है कि यूक्रेन में रूसी युद्ध बिना उकसावे के खुलेआम हमला है। उन्होंने कहा कि फ्रांस और भारत खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा पर युद्ध के नतीजों के प्रभाव को कम करने के तरीकों पर काम कर रहे हैं।

फ्रांसीसी राजदूत इमैनुएल लेनैन ने कहा है कि यूक्रेन में रूसी युद्ध बिना उकसावे के ‘‘खुलेआम हमला’’ है। उन्होंने कहा कि फ्रांस और भारत खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा पर युद्ध के नतीजों के प्रभाव को कम करने के तरीकों पर काम कर रहे हैं।
Advertisement
राजदूत ने दिये एक साक्षात्कार में कहा कि फ्रांस ने रूस द्वारा यू्क्रेन के चार क्षेत्रों के ‘‘अवैध’’ कब्जे की कड़ी निंदा की है और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून और यूक्रेन की संप्रभुता दोनों का गंभीर उल्लंघन बताया है।
संघर्ष को समाप्त करने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से हाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान का स्वागत करते हुए, लेनैन ने कहा कि भारत और फ्रांस दोनों के नेता मास्को को बातचीत की मेज पर लौटने के वास्ते राजी करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें लगता है कि पुतिन साम्राज्यवाद के समय में लौटना चाहते हैं और हम यूरोप में, कहीं और भी इससे बचना चाहते हैं, खासकर इस क्षेत्र में, जहां मैं बात कर रहा हूं।’’
लेनैन ने कहा, ‘‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी, हम यह नहीं चाहते हैं और मुझे यकीन है कि भारत नहीं चाहता कि कोई भी पड़ोसी आक्रामकता से सीमाओं पर अतिक्रमण करे।’’
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन के हिस्सों को रूस में ‘‘अवैध तरीके से शामिल करने’’ संबंधी संधियों पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए थे, जिसके बाद सात महीने से जारी युद्ध में तनाव और बढ़ गया।
पुतिन के इस नवीनतम कदम पर यूरोपीय संघ ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त बयान जारी कर चार क्षेत्रों- दोनेत्स्क,लुहांस्क, खेरसन और जापोरिज्जिया- के “अवैध विलय” को खारिज करते हुए उसकी निंदा की थी।
राजदूत ने कहा कि फ्रांस भारत के निर्णय की स्वायत्तता का ‘‘बहुत सम्मान’’ करता है और पिछले महीने समरकंद के उज़्बेक शहर में पुतिन के साथ एक बैठक के दौरान मोदी की उस टिप्पणी की सराहना करता है कि ‘‘आज का युग युद्ध का नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह हमेशा की तरह एक बहुत ही स्वागत योग्य टिप्पणी है और आपने देखा है कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी का उल्लेख और उद्धरण दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें ठीक इसी तरह के बयानों की जरूरत है, जो पुतिन से इस युद्ध को रोकने और बातचीत की मेज पर वापस लौटने का आह्वान करते हैं।’’
भारत युद्ध को तत्काल समाप्त करने और बातचीत के माध्यम से संघर्ष के समाधान का आह्वान करता रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम एक साथ क्या कर सकते हैं? बहुत कुछ। हम खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा पर युद्ध के नतीजों के प्रभाव को कम करने के तरीके पर काम कर रहे हैं।’’
यूक्रेन संकट पर फ्रांस और भारत एक-दूसरे के संपर्क में रहे हैं और हाल के महीनों में मोदी और मैक्रों के बीच टेलीफोन पर बातचीत के दौरान यह मुद्दा प्रमुखता से उठा था।
लेनैन ने कहा, ‘‘हमें लगता है कि यह एक देश द्वारा दूसरे देश पर बिना किसी उकसावे की कार्रवाई है और यह अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है।’’
यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर रूस के कब्जे पर लेनैन ने कहा कि फ्रांस इस अवैध कार्रवाई की कड़ी निंदा करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह अंतरराष्ट्रीय कानून और यूक्रेन की संप्रभुता दोनों का गंभीर उल्लंघन है। हम यूक्रेन के साथ खड़े रहेंगे।’’
यूक्रेन पर रूस के हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताते हुए राजदूत ने कहा कि भारत और फ्रांस दोनों के नेता राष्ट्रपति पुतिन को युद्ध समाप्त करने के वास्ते राजी करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम एक साथ बहुत काम कर रहे हैं। हम स्पष्ट रूप से पुतिन को कूटनीति के रास्ते पर वापस लाने, बातचीत करने के लिए मनाने की कोशिश भी कर सकते हैं।
भारत-फ्रांस द्विपक्षीय संबंधों के बारे में राजदूत ने दोनों देशों के बीच दोस्ती को ‘‘बहुत स्वाभाविक और मजबूत’’ बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे बीच 75 वर्षों से अधिक समय से साझेदारी है और हम हमेशा अच्छे और बुरे समय में एक-दूसरे के पक्ष में खड़े रहे हैं। हमारी दोस्ती बहुत स्वाभाविक है, बहुत मजबूत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी रणनीतिक साझेदारी को अगले वर्ष 25 साल हो रहे है। यह बराबरी की साझेदारी है और यह एक-दूसरे की रणनीतिक स्वायत्तता को बढ़ावा देने वाली साझेदारी है। हम दो महान स्वतंत्र देश हैं।’’
राजदूत ने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर और डिजिटल जैसे नए क्षेत्रों में भी बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने सहयोग का विस्तार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य और जलवायु मुद्दों पर मिलकर काम करते हैं। और हम इस दिशा में भारत के साथ और भी अधिक प्रयास करना चाहते हैं। कुछ दिनों पहले हमारे विदेश मंत्री की (भारत) यात्रा के दौरान, यह घोषणा की गई थी कि हमारे दोनों देश इन लक्ष्यों के अनुरूप कंपनियों द्वारा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पहल को बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त कोष की शुरुआत कर रहे हैं।’’
Advertisement
Next Article