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भारत ने अयोध्या, कश्मीर पर पाकिस्तानी दुष्प्रचार का दिया करारा जवाब

भारत ने कश्मीर मुद्दे और अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ‘गढ़े गए झूठों के जरिए भारत को बदनाम करने के जुवेनाइल प्रोपेगेंडा’ के लिए पाकिस्तान को लताड़ लगाई है और भारत के मामलों में टिप्पणी करने की पाकिस्तान की ‘रोगात्मक बाध्यता’ की निंदा की है।

06:54 PM Nov 14, 2019 IST | Shera Rajput

भारत ने कश्मीर मुद्दे और अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ‘गढ़े गए झूठों के जरिए भारत को बदनाम करने के जुवेनाइल प्रोपेगेंडा’ के लिए पाकिस्तान को लताड़ लगाई है और भारत के मामलों में टिप्पणी करने की पाकिस्तान की ‘रोगात्मक बाध्यता’ की निंदा की है।

जिनेवा : भारत ने कश्मीर मुद्दे और अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ‘गढ़े गए झूठों के जरिए भारत को बदनाम करने के जुवेनाइल प्रोपेगेंडा’ के लिए पाकिस्तान को लताड़ लगाई है और भारत के मामलों में टिप्पणी करने की पाकिस्तान की ‘रोगात्मक बाध्यता’ की निंदा की है। 
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जनरल पालिसी डिबेट पर यूनेस्को की 40वीं आमसभा (जनरल कांफ्रेंस) में जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए एक भारतीय अधिकारी ने पाकिस्तान को लताड़ा। उन्होंने कहा कि ‘जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्रशासित प्रदेश हमेशा से हमारे रहे हैं और हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहेंगे और इसमें वे इलाके भी शामिल हैं जो अभी पाकिस्तान के जबरन व अवैध कब्जे में हैं।’ 
अधिकारी ने कहा कि ‘हम गढ़े गए झूठ के जरिए भारत को बदनाम करने के पाकिस्तान के जुवेनाइल प्रोपेगेंडा को खारिज करते हैं। हम भारतीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पाकिस्तान की अवांछित टिप्पणी की निंदा करते हैं। यह फैसला रूल आफ लॉ पर आधारित है, इसमें सभी धर्मो का समान सम्मान किया गया है जो एक ऐसा विचार है जो पाकिस्तान और इसके मूल्यों से बिलकुल जुदा है।’ 
अधिकारी ने कहा, ‘ऐसे में पाकिस्तान की समझ की कमी कोई ताज्जुब वाली बात नहीं है लेकिन नफरत फैलाने के प्रत्यक्ष उद्देश्य के साथ हमारे अंदरूनी मामलों में टिप्पणी करने की उसकी रोगात्मक बाध्यता निंदनीय है।’ 
अधिकारी ने कहा कि यूनेस्को की सदस्यता इसके संविधान से पूरी तरह परिचित है जिसका कहना है कि संगठन पर उन मामलों में दखल देने की मनाही है जोकि मूल रूप से उनके घरेलू अधिकार क्षेत्र में आते हैं। अफसोस है कि यूनेस्को संविधान और परंपराओं के खुलेआम उल्लंघन के साथ पाकिस्तान ने ऐसा ही दखल दिया है और हम इसे खारिज करते हैं। 
nullभारत की यह टिप्पणियां पाकिस्तान के शिक्षा मंत्री शफकत महमूद के बयान के बाद आईं जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय सुप्रीम कोर्ट का अयोध्या मामले में फैसला यूनेस्को के धार्मिक स्वतंत्रता के मूल्य से मेल नहीं खाता। 
भारतीय अधिकारी ने आतंकवाद को प्रश्रय देने की पाकिस्तान की नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि किस देश में 9/11 और 26/11 के आतंकी हमलों के साजिशकर्ता मिले? ओसामा बिन लादेन और मुल्ला उमर को कहां पाया गया? किस देश में हिज्बुल मुजाहिदीन, लश्करे तैयबा, जमात उद दावा जैसे आतंकी संगठन हैं? किस देश की सेना ने अलग भाषा (बांग्ला) बोलने वाले अपने ही देश के नागरिकों का संहार किया है? इन सभी सवालों का जवाब पाकिस्तान है। 
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