भारत-इंडोनेशिया ने कम से कम 5 समझौतों पर किये हस्ताक्षर,दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध होंगे मजबूत
भारत और इंडोनेशिया ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए…
भारत और इंडोनेशिया ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए रक्षा विनिर्माण, आपूर्ति श्रृंखला, और समुद्री सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक सहयोग का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो के बीच हुई व्यापक वार्ता के बाद स्वास्थ्य, समुद्री सुरक्षा, संस्कृति और डिजिटल क्षेत्रों में सहयोग के लिए कम से कम पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
रक्षा और आपूर्ति श्रृंखला में सहयोग
दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में साझेदारी को और गहरा करने का निर्णय लिया है। इसमें रक्षा विनिर्माण, सैन्य साजो-सामान की मरम्मत और रखरखाव, तथा जहाज निर्माण शामिल हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इंडोनेशिया भारत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें खरीदने की इच्छा रखता है, और इस पर भी वार्ता हुई।
समुद्री और साइबर सुरक्षा
प्रधानमंत्री मोदी ने समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद रोधी और कट्टरपंथ से मुक्ति के क्षेत्रों में सहयोग पर जोर दिया। दोनों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और नियम आधारित व्यवस्था बनाए रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। नौवहन की स्वतंत्रता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के पालन पर जोर दिया गया।
स्वास्थ्य और डिजिटल साझेदारी
स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग के तहत इंडोनेशिया ने भारतीय स्वास्थ्य सेवा समूहों को अपने देश में अस्पताल स्थापित करने और डॉक्टरों को भारत में प्रशिक्षित करने की इच्छा जताई। डिजिटल साझेदारी में फिनटेक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने का निर्णय लिया गया।
सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध
प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि “रामायण और महाभारत से प्रेरित गाथाएं और ‘बाली यात्रा’ हमारे संबंधों का जीवंत प्रमाण हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि इंडोनेशिया में बोरोबुदुर बौद्ध मंदिर के बाद अब हम प्रम्बानन हिंदू मंदिर के संरक्षण में भी योगदान देंगे। वार्ता में भारतीय पक्ष ने इंडोनेशिया की ब्रिक्स सदस्यता का भी स्वागत किया।
बता दे कि पिछले वर्ष भारत-इंडोनेशिया व्यापार 30 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया, जिसे और बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों ने बाजार पहुंच और व्यापार में विविधता लाने पर चर्चा की।
रणनीतिक महत्व और भविष्य की योजनाएं
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने भारत के साथ साझेदारी को बेहद महत्वपूर्ण बताया और अपने अधिकारियों को द्विपक्षीय आर्थिक भागीदारी में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने भारत से बंदरगाह, हवाई अड्डे और रेलवे जैसे बुनियादी ढांचे में निवेश की अपील की। दोनों पक्षों ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया, जहां भारत इंडोनेशियाई उपग्रहों को प्रक्षेपित करेगा।
राष्ट्रपति सुबियांतो ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन और ‘ग्लोबल साउथ’ के हितों की रक्षा में भारत की भूमिका की सराहना की। उन्होंने इसे वैश्विक स्थिरता और क्षेत्रीय सहयोग के लिए लाभकारी बताया।
गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि
राष्ट्रपति सुबियांतो रविवार को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब भारत ने अपना पहला गणतंत्र दिवस मनाया था, तब इंडोनेशिया अतिथि देश था, और अब गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति सुबियांतो की उपस्थिति गर्व की बात है।
इस वार्ता ने भारत-इंडोनेशिया साझेदारी के व्यापक रणनीतिक पहलुओं को और सुदृढ़ किया है। दोनों देशों ने शांति, सुरक्षा, और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध होंगे मजबूत
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति सुबियांतो की यह बैठक भारत-इंडोनेशिया संबंधों को और गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है। इन समझौतों के माध्यम से दोनों देशों को आपसी विश्वास और सहयोग को बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
इन समझौतों से न केवल दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता और समृद्धि को भी बढ़ावा मिलेगा। यह वार्ता यह साबित करती है कि भारत और इंडोनेशिया जैसे देशों के बीच मजबूत साझेदारी एशिया और विश्व के भविष्य के लिए कितनी महत्वपूर्ण है।