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भारत शांतिप्रिय देश है, हम शांति चाहते हैं: जम्मू-कश्मीर LoP

भारत की शांति की चाहत, आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता

04:36 AM May 25, 2025 IST | Vikas Julana

भारत की शांति की चाहत, आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता

जम्मू और कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता और वरिष्ठ भाजपा नेता सुनील शर्मा ने रविवार को कहा कि भारत एक शांतिप्रिय देश है, उन्होंने कहा कि पूरे देश ने 22 अप्रैल को घातक पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना के साहस और वीरता को देखा। मन की बात कार्यक्रम देश के विभिन्न हिस्सों में सुना जाता है। यह कार्यक्रम देश में एक नई क्रांति की शुरुआत है। दिन-प्रतिदिन लोग, खासकर युवा, इससे जुड़ रहे हैं। आज हमारे प्रदेश अध्यक्ष भी यहां मौजूद थे, हमने श्रीनगर के इस बूथ पर मन की बात कार्यक्रम सुना। पूरे देश ने ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना के साहस और वीरता को देखा। भारत एक शांतिप्रिय देश है, हम शांति चाहते हैं।

शर्मा ने यह भी कहा पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। शर्मा ने आगे कहा, “इस समय हमारी अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से बढ़ रही है… पाकिस्तान दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है, यह एक अनियंत्रित देश है, यह नहीं चाहता कि भारत इतनी तेजी से प्रगति करे… 22 अप्रैल को जो हुआ वह भारत की तेज गति से हो रही प्रगति को रोकने की साजिश थी, हम एक शांतिप्रिय देश हैं, हम शांति चाहते हैं लेकिन अपने नागरिकों की कीमत पर नहीं…”

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मीडिया से बात करते हुए भाजपा प्रवक्ता और जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरखशां अंद्राबी ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर से शुरू करके हर उस जगह का परिचय कराया, जहां ऑपरेशन सिंदूर का महिमामंडन किया गया था और हर किसी के हाथ में तिरंगा था। तिरंगा हर किसी के दिल में लहरा रहा है…” पीएम मोदी ने अपने 122वें संबोधन में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सशस्त्र बलों की वीरता पर प्रकाश डाला और कहा कि पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है और गुस्से और संकल्प से भरा हुआ है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद 7 मई को शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर में, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी, तीनों सेनाओं की एक सुनियोजित प्रतिक्रिया प्रदर्शित हुई, जिसमें सटीकता, व्यावसायिकता और उद्देश्य की झलक देखने को मिली। उन्होंने छत्तीसगढ़ के बस्तर और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जैसे माओवादी इलाकों में विकास के कदमों का भी जिक्र किया।

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