भारत सूडान, दक्षिण सूडान, जिबूती, एरिट्रिया को 270 मीट्रिक टन खाद्यान्न दे रहा है : विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बताया कि प्राकृतिक आपदा और कोविड-19 महामारी से उबरने के लिए सहायता के क्रम में भारत मित्र देशों को की जाने वाली मदद के तहत सूडान, दक्षिण सूडान, जिबूती और एरिट्रिया को 270 मीट्रीक टन खाद्यान्न मुहैया करा रहा है।
01:17 AM Nov 13, 2020 IST | Shera Rajput
विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बताया कि प्राकृतिक आपदा और कोविड-19 महामारी से उबरने के लिए सहायता के क्रम में भारत मित्र देशों को की जाने वाली मदद के तहत सूडान, दक्षिण सूडान, जिबूती और एरिट्रिया को 270 मीट्रीक टन खाद्यान्न मुहैया करा रहा है।
मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि आटा, चावल और चीनी के रूप में खाद्यान्न सहायता लेकर ‘आईएनएस ऐरावत’ 24 अक्टूबर को ही मुंबई के बंदरगाह से रवाना हो चुका है।
उन्होंने बताया कि भारत जरूरत के वक्त में अफ्रीका की जनता की मदद करने की अपनी परंपरा को कायम रखते हुए सूडान, दक्षिण सूडान, जिबूती और एरिट्रिया को मानवीय सहायता मुहैया करा रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि यह सहायता प्राकृतिक आपदाओं और कोविड-19 महामारी से प्रभावित लोगों के लिए 270 मीट्रिक टन खाद्यान्न के रूप में है।
ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘भारतीय नौसेना का पोत फिलहाल जिबूती के बंदरगाह पर है। वह 50 मीट्रिक टन खाद्यान्न सहायता उपलब्ध करा चुका है। वहां से पोत 20 नवंबर को मोम्बासा (केन्या) पहुंचेगा और दक्षिण सूडान की सहायता के लिए 70 मीट्रिक टन खाद्यान्न वहां उतारेगा।’’
जिबूती में भारतीय मिशन ने ट्वीट किया कि वहां भारत के राजदूत अशोक कुमार ने मानवीय सहायता एवं आपदा राहत के तहत जिबूती के सामाजिक मामले एवं एकजुटता मंत्रालय के महासचिव ममे इफराह अली अहमद को 50 मीट्रिक टन खाद्यान्न सौंपा।
श्रीवास्तव ने बताया कि तय कार्यक्रम के तहत ‘आईएनएस ऐरावत’ दो नवंबर को सूडान बंदरगाह पर पहुंचा था और वहां उसने 100 मीट्रिक टन खाद्यान्न पहुंचाया। उसके बाद यह छह नवंबर को एरिट्रिया के मस्सावा बंदरगाह पहुंचा और देश को 50 मीट्रिक टन खाद्यान्न दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार के इस कदम की संबंधित देशों ने तारीफ की है।’’
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि वर्तमान मानवीय मिशन ‘सागर-दो’ के तहत भारतीय नौसेना का जहाज ऐरावत 10 नवंबर, 2020 को जिबूती बंदरगाह पहुंचा।
बयान के अनुसार सरकार मैत्रीपूर्ण देशों को प्राकृतिक आपदाओं और कोविड-19 महामारी से उबरने में सहायता कर रही है और उसी के तहत ‘आईएनएस ऐरावत’ जिबूती के लोगों के लिए खाद्यान्न सहायता लेकर पहुंचा।
मिशन सागर-दो प्रधानमंत्री के सागर दृष्टिकोण (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं विकास) के अनुरूप है और वह भारत के इस रुख को दोहराता है कि हिंद महासागर क्षेत्र में वह भरोसेमंद सहयोगी है एवं भारतीय नौसेना समुद्री परिसीमा में जरूरत पड़ने पर सबसे पहले पहुंचती है।
Advertisement
Advertisement

Join Channel