द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार पर भारत- जापान ने जतायी सहमति
विदेश मंत्री एस जयशंकर और जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में बैठक की। इस दौरान दोनों नेताओं ने दोनों देशों के संबंधों की 70 वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार करने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें जापान के प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा की भारत यात्रा भी शामिल है।
01:59 AM Feb 12, 2022 IST | Desk Team
विदेश मंत्री एस जयशंकर और जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में बैठक की। इस दौरान दोनों नेताओं ने दोनों देशों के संबंधों की 70 वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार करने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें जापान के प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा की भारत यात्रा भी शामिल है।
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जयशंकर ने किया ट्वीट
जयशंकर ने ट्वीट कर कहा, ‘‘व्यक्तिगत रूप से विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी से मिलकर अच्छा लगा। हमारी बातचीत दो आभासी चर्चाओं के बाद हुई। हम नेताओं के अपने वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारी करते हैं।’ वहीं जापान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं की बैठक लगभग 45 मिनट तक चली।
जापान-भारत राजनयिक संबंधों को और बढ़ाना चाहते हैंं – हयाशी
हयाशी ने कहा कि वह जयशंकर के साथ मिलकर जापान-भारत राजनयिक संबंधों को और बढ़ना चाहते हैं, जिसकी इस साल 70वीं वर्षगांठ है। उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के लिए अधिक महत्वपूर्ण होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों देश अनिश्चित अंतरराष्ट्रीय समुदाय में‘विशेष रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी ‘के तहत आम चुनौतियों का समाधान करने के लिए’बुनियादी मूल्यों को साझा करते हैं और नियम-आधारित व्यवस्था के महत्व की वकालत करते हैं।
70वीं वर्षगांठ जापान-भारत संबंधों को मजबूत करने का एक अवसर- जयशंकर
इसके जवाब में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि 70वीं वर्षगांठ जापान-भारत संबंधों को मजबूत करने का एक अवसर है और वह ‘मुक्त और खुला भारत-प्रशांत ‘ को साकार करने की दिशा में विभिन्न क्षेत्रों में जापान के साथ सहयोग का विस्तार करने के इच्छुक हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत में जापान के प्रधानमंत्री किशिदा के स्वागत की का अवसर मिलेगा।
दोनों नेताओं ने दोनों देशों के लिए सुविधाजनक समय पर जापान के प्रधानमंत्री किशिदा की भारत यात्रा को साकार करके दोनों नेताओं (दोनों देशों के विदेश मंत्रियों) की पारस्परिक वार्षिक यात्रा को फिर से शुरू करने के महत्व को दोहराया।
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