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सब कुछ ठीक ठाक रहने पर भारत 6-10 हफ़्तों में बना लेगा कोरोना वायरस की वैक्सीन

इस समय जानलेवा वायरस से बचने के लिए दुनिया जिस एक चीज का तोड़ निकाल रही है वो कोरोना वायरस है।

02:23 PM Mar 21, 2020 IST | Desk Team

इस समय जानलेवा वायरस से बचने के लिए दुनिया जिस एक चीज का तोड़ निकाल रही है वो कोरोना वायरस है।

इस समय दुनिया जिस एक चीज से बचने का तोड़ निकाल रही है वो कोरोना वायरस है। फिलहाल तो चीन से लेकर अमेरिका,इजराइल,जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया में इसकी वैक्सीन खूब जोरों शोरों से चल रही है और अभी तक हर जगह बहुत थोड़ी सी सफलता ही हाथ लग पाई है। 
भारत में भी कोविड-19 की वैक्सीन बनाने के लिए अलग तरह से प्रयास चल रहे है,जिसमें से हैदराबाद को इसमें सफलता हासिल हो गई है। बता दें कि हैदराबाद के सीएसआईआर इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ केमिकल टेक्रोलॉजी ने फार्मास्यूटिकल कंपनी सिपला के साथ मिलकर कोविड-19 पर रोकथाम करने के लिए एंटी-वायरल ड्रग बनाने की ओर कदम बढ़ाया है। 
वैसे तो दुनिया भर में बहुत सारे एंटी-वायरल ड्रग बनाने पर रिसर्च चल रही है और बहुत सारी कंपनियों ने ऐसे मॉलिक्यूल भी खोज निकाले थे जो एंटी-वायरल थे,लेकिन डिमांड कमी होने की वजह से ये मोलेक्युल्स मार्केट में है नहीं। 
इस प्रोजेक्ट में सिपला का काम उनके ट्रायल,ड्रग के अप्रूवल और फिर उसके मास्स प्रोडक्शन पर काम करना होगा। जिन तीन मोलेक्युल्स पर कंपनी काम कर रही हैं उनके से दो पर तो क्लिनिकल ट्रायल भी हो चुके हैं। फिलहाल इसको बनाने में करीब 6-10 महीने का वक्त लगेगा। इनमें से एक पर काम अभी से शुरू होगा। 
इससे पहले सीएमआर ने बताया कि कोविड-19 के लिए वैक्सीन बनाने में करीब 1 या डेढ़ साल का वक्त लग जाएगा,लेकिन अब शायद हो सकता है कि इसमें सफलता मिल जाए। इसके अलावा अमेरिका में पहली कोविड-19 वैक्सीन 4 लोगों पर टेस्ट की गई है। वहीं एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी ये पता लगाने में समय लग जाएगा की वैक्सीन काम कर रही हैं या नहीं। वैसे भारत को अगर इसमें सफलता मिल जाती है तो ये किसी भी देश के लिए बहुत गर्व की बात होगी। 
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