एस्सार मामला : IBC में नए बदलावों की समीक्षा कर सकता है उच्चतम न्यायालय
03:58 PM Aug 07, 2019 IST
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संसद से हाल ही में पारित ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता विधेयक (आईबीसी) में संशोधनों को लेकर लेनदारों का एक वर्ग बुधवार को उच्चतम न्यायालय पहुंचा और इन्हें अदालत के संज्ञान में लाया। इस विधेयक पर राष्ट्रपति की सहमति अभी शेष है।
एस्सार दिवाला मामले के कुछ परिचालन लेनदारों ने न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ को बताया कि संसद द्वारा पारित नए संशोधनों को वे चुनौती देना चाहते हैं, क्योंकि ये उन्हें प्रभावित कर रहे हैं। शीर्ष अदालत ने इस मामले में अटार्नी जनरल से सहयोग मांगते हुए उनसे 19 अगस्त को उपस्थित रहने को कहा है।
पीठ एस्सार स्टील के लेनदारों की कमेटी (सीओसी) की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के चार जुलाई के आदेश को चुनौती दी गई है। इस आदेश में लक्ष्मी मित्तल की अगुवाई वाली आर्सेलर मित्तल को कर्ज से लदी इस कंपनी के अधिग्रहण के लिए 42 हजार करोड़ रुपये की बोली को मंजूरी दी गई थी।
सीओसी ने एनसीएलएटी के आदेश को रद्द करने की मांग की है। शीर्ष न्यायालय ने बुधवार को परिचालन लेनदारों को आईबीसी में नए संशोधनों को चुनौती देने के लिए याचिका दायर करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया और मामले में अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल से सहयोग मांगा।
पीठ ने कहा कि सुनवाई के दौरान हमें इस तथ्य से अवगत कराया गया है कि आईबीसी में संशोधन संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित कर दिये गए हैं। याचिकाकर्ता के वकील (परिचालन लेनदारों) इनमें से कुछ संशोधनों से खफा हैं और वे रिट याचिका के जरिये उन्हें चुनौती देना चाहते हैं।
पीठ ने सुनवाई की तारीख 19 अगस्त तय करते हुए कहा कि , हम अटार्नी जनरल से सुनवाई की अगली तिथि पर उपस्थित रहने का आग्रह करते हैं।
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