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चुनावी साल में सौगातें लेकर भाजपा मैदान में, फिर चर्चा में रेवड़ी पॉलिटिक्स

11:37 AM Sep 03, 2023 IST
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कांग्रेस समेत सारा विपक्ष भले ही भाजपा पर आरोप लगाते रहे हैं कि भाजपा हर समय चुनावी मोड में रहती है लेकिन भाजपा के शीर्ष नेता आपसी बातचीत में यह कहते हैं कि मोदी सरकार का हर फैसला देश हित में होता है, इसलिए सरकार नोटबंदी जैसे कड़े फैसले लेने से भी नहीं चूकती और जहां तक चुनाव का सवाल है सरकार 4 साल तक सिर्फ शासन पर ध्यान देती है और पांचवे साल चुनावी राजनीति के मैदान में उतरती है।
 दूसरे कार्यकाल का पांचवा साल यानी चुनावी वर्ष शुरू
इस हिसाब से देखा जाए तो मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पांचवा साल यानी चुनावी वर्ष शुरू हो चुका है और इसको देखते हुए भाजपा भी चुनावी सौगातें देने के मैदान में उतर गई है। हाल ही में मोदी सरकार द्वारा रसोई गैस की कीमत में 200 रुपये की कटौती करने के ऐलान ने देश में एक बार फिर से रेवड़ी पॉलिटिक्स का मुद्दा गरमा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं अपनी ही सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स कर कहा,रक्षाबंधन का पर्व अपने परिवार में खुशियां बढ़ाने का दिन होता है। गैस की कीमतों में कटौती होने से मेरे परिवार की बहनों की सहूलियत बढ़ेगी और उनका जीवन और आसान होगा। मेरी हर बहन खुश रहे, स्वस्थ रहे, सुखी रहे, ईश्वर से यही कामना है। 
महिलाओं को धुएं से मुक्ति 
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महंगाई से जनता को राहत मिलने और महिलाओं को धुएं से मुक्ति मिलने की बात कहते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षाबंधन व ओणम के पावन अवसर पर देश की माताओं-बहनों के लिए घरेलू सिलेंडर पर 200 रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी है। इस फैसले से उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाले गैस सिलेंडर की कुल सब्सिडी अब 400 रुपये हो जाएगी। इससे बदलते वैश्विक परिदृश्य के कारण बढ़ी महंगाई से जनता को राहत मिलेगी। साथ ही, कैबिनेट ने 75 लाख नये उज्ज्वला कनेक्शन को भी मंजूरी दी है, जिससे गरीब और जरूरतमंद माताओं को धुएं के अभिशाप से मुक्ति मिलेगी।
दावा भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने किया
33 करोड़ उपभोक्ता लाभान्वित होंगे, यह दावा भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने किया है। यहां पर आपको याद दिला दें कि 2019 के लोक सभा चुनाव में भाजपा को 22 करोड़ 90 लाख से ज्यादा वोट मिले थे और अगर 2024 के लोक सभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन मिलकर भाजपा के खिलाफ 400 या साढ़े 400 सीटों पर भी साझा उम्मीदवार खड़ा करने में कामयाब हो जाते हैं तो भाजपा को 300 से ज्यादा सीटें जीतने के लिए मोटे तौर पर 6 से 8 करोड़ वोटों की जरूरत और पड़ेगी यानी उस हालात में भाजपा को अपने वोटों का कुल आंकड़ा 29 से 31 करोड़ के बीच पहुंचाना होगा।
हालांकि मोदी सरकार के इस फैसले पर विपक्षी दलों के कई नेताओं ने कटाक्ष कर यह पूछना भी शुरू कर दिया है कि क्या यह भाजपा की उसी तरह की रेवड़ी पॉलिटिक्स नहीं है जिसके खिलाफ प्रधानमंत्री और उनकी सरकार एवं पार्टी के नेता बोलते रहे हैं। 
मुफ्त की रेवड़ी मानने से इंकार 
हालांकि भाजपा के नेता इसे मुफ्त की रेवड़ी मानने से इंकार करते हुए यह कह रहे हैं कि इससे देश की माताओं-बहनों के जीवन स्तर में सुधार आएगा और उनकी कठिनाईयां भी कम होगी। लेकिन सरकार के एक बड़े मंत्री की मानें तो जनता की मुश्किलों को आसान करने के लिए उन पर पड़ रहे आर्थिक बोझ को कम करने के लिए और उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए मोदी सरकार आने दिनों में कई और बड़े ऐलान कर सकती है यानी मोदी सरकार देश की जनता को और सौगतें देने की तैयारी कर रही है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम तो पार्टी के मंच से ऑन रिकॉर्ड यह कह चुके हैं कि जिस तरह से राखी के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रसोई गैस की कीमत कम कर देश की माताओं और बहनों को तोहफा दिया है उसी तरह से प्रधानमंत्री आगे भी देश की जनता को तोहफे देते रहेंगे। मतलब साफ है कि रेवड़ी पॉलिटिक्स और रेवड़ी कल्चर को लेकर राजनीतिक घमासान आगे भी जोर-शोर से चलता रहेगा।  
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