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सत्रहवीं लोकसभा का पहला सेशन सन 1952 से लेकर अब तक का सबसे स्वर्णिम सत्र : ओम बिरला

12:47 PM Aug 10, 2019 IST
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि सदन में पेश किए जाने वाले विधेयकों के विभिन्न पहलुओं के बारे में सदस्यों को जानकारी प्रदान करने के लिए विशेषज्ञों का सहयोग लिया जाएगा। संसद सत्र के खत्म के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने संवाददाता सम्मेलन यह जानकारी दी।
उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस प्रकार की व्यवस्था से सरकार द्वारा सभा में प्रस्तुत किए जाने वाले विधायी प्रस्तावों की पृष्ठभूमि और विस्तार के बारे में बेहतर समझ को विकसित करने में सहायता मिलेगी। लोकसभा में 1952 के बाद से हुए ऐतिहासिक वाद-विवादों का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि जल्द ही संसद सदस्यों की सुविधा के लिए एक “एप” को विकसित किया जाएगा, जिससे उन्हें ऐसे वाद-विवादों को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, दूरदर्शन के अभिलेखागारों में भी खोज की जाएगी। 
उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों की अपनी अलग समस्याएं हैं और आम लोग यह देखना चाहते हैं कि उनके निर्वाचित प्रतिनिधि संसद में उनकी समस्याओं को किस प्रकार उठाते हैं और किस प्रकार संसद में होने वाले वाद-विवादों के द्वारा महत्वपूर्ण विधेयकों का पारित किया जाना सुनिश्चित किया जाता है। इस प्रकार से यह सत्र काफी सार्थक रहा। बिरला ने 17वीं लोक सभा के पहले सत्र की संसदीय कार्यवाही की रिपोर्टिंग करने में सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए मीडिया को धन्यवाद दिया । 
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