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हेलीकॉप्टर घोटाला : ईडी ने अदालत से कहा- रतुल पुरी पहले से ही हिरासत में, नहीं कर सकते आत्मसमर्पण

02:07 PM Aug 28, 2019 IST
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी आत्मसमर्पण करने की स्थिति में नहीं हैं जैसा कि उन्होंने अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में करने की पेशकश की है क्योंकि वह अन्य मामले में पहले से ही हिरासत में हैं। 
प्रवर्तन निदेशालय ने यह बात विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष पुरी की एक अर्जी का विरोध करते हुए कही। उक्त अर्जी में पुरी ने हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में आत्मसमर्पण करने की अनुमति मांगी है। 
पुरी अपनी कंपनी मोजर बियर से संबंधित बैंक धोखाधड़ी से जुड़े एक अलग धनशोधन मामले में पहले ही 30 अगस्त तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं। 
एजेंसी ने अदालत से कहा, ‘‘हम उन्हें हिरासत में नहीं ले सकते। कानून हमें इसकी इजाजत नहीं देता। वह पहले से हिरासत में हैं। उनका उनके शरीर पर नियंत्रण नहीं है। कैसे वह आकर यह कह सकते हैं कि मुझे हिरासत में ले लिया जाए? हम उन्हें हिरासत में नहीं ले सकते क्योंकि वह पहले ही एक अन्य मामले में हिरासत में हैं। कोई भी व्यक्ति तभी आत्मसमर्पण कर सकता है जब वह मुक्त हो।’’ 
पुरी के लिए पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने अदालत से कहा कि आरोपी के खिलाफ हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में गैर जमानती वारंट जारी है और वह आत्मसमर्पण करना चाहता है। 
अदालत ने हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में गैर जमानती वारंट नौ अगस्त को जारी किया था। यह प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पुरी को गत 20 अगस्त को मोजर बियर से संबंधित बैंक धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार करने से पहले जारी किया गया था। 
लूथरा ने पुरी की ओर से कहा, ‘‘मैं आत्मसमर्पण करना चाहता हूं लेकिन ईडी मुझे गिरफ्तार नहीं करना चाहता। उन्हें (ईडी) अपने कदम के लिए जिम्मेदारी लेने की जरुरत है। उन्होंने गिरफ्तारी वारंट (गैर जमानती वारंट) जारी करने का अनुरोध करना चुना। अब जब मैं आत्मसमर्पण करना चाहता हूं तो वे कहते हैं कि वे नहीं चाहते कि मैं आत्मसमर्पण करूं। यदि ईडी कहता है कि वे अभी मुझे गिरफ्तार नहीं कर सकते तो क्या मुझे उसका विधिक लाभ लेने से वंचित किया जा सकता है।’’ 
मामला इटली की फिनमेकैनिका की ब्रिटिश सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीद में कथित अनियमितता से जुड़ा है। 
सौदे को राजग सरकार ने 2014 में संविदात्मक दायित्वों के कथित उल्लंघन और सौदा प्राप्त करने के लिए रिश्वत के भुगतान के आरोपों को लेकर रद्द कर दिया था। 
ईडी के अनुसार अपराध से अर्जित राशि को पुरी के स्वामित्व वाली विभिन्न कंपनियों में जमा किया गया तथा वह अन्य आरोपियों द्वारा अपनायी गई कार्यप्रणाली और अपराध से अर्जित राशि के आखिरी ठिकाने का पता लगाने के लिए प्रमुख कड़ी हैं। 
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