गुमनाम राजनीतिक होर्डिंग के खिलाफ कार्रवाई की जाए : निर्वाचन आयोग
निर्वाचन आयोग ने बुधवार को निर्देश दिया कि होर्डिंग सहित चुनाव को लेकर मुद्रित सामग्री पर मुद्रक और प्रकाशक की पहचान का उल्लेख हो ताकि चुनाव अभियान में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। निर्वाचन आयोग ने बताया कि यह फैसला उन शिकायतों के बाद लिया गया जिसमें दावा किया गया था कि नगर निकाय के नियंत्रण वाले होर्डिंग लगाने के स्थानों पर बिना प्रकाशक और मुद्रक की पहचान वाले होर्डिंग लगे हुए हैं।
Highlights
- गुमनाम राजनीतिक होर्डिंग के खिलाफ कार्रवाई की जाए : निर्वाचन आयोग
- मुद्दे को लेकर निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटाया
- प्रकाशकों की पहचान का खुलासा
मुद्दे को लेकर निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटाया
आम आदमी पार्टी ने हाल में इस मुद्दे को लेकर निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटाया था। आयोग ने इस महीने की शुरुआत में दिल्ली नगर निगम द्वारा अपने सभी लाइसेंसधारियों और ठेकेदारों को निकाय के ‘आउटडोर मीडिया’ पर राजनीतिक विज्ञापनों के संबंध में जारी निर्देशों की ओर भी ध्यान आकर्षित कराया। इसमें कहा गया,‘‘निर्देश दिया जाता है कि किसी पार्टी या उम्मीदवार के प्रचार के लिए राजनीतिक विज्ञापनों की अनुमति देते समय, किसी पार्टी या उम्मीदवार के खिलाफ दिए गए किसी भी राजनीतिक विज्ञापन पर रोक लगाई जाये।’’
निर्वाचन आयोग ने रेखांकित किया कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम -1951 की धारा 127ए चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल पैम्फलेट, पोस्टर, तख्ती या बैनर का प्रकाशन मुद्रक और प्रकाशक के नाम और पते के बिना प्रकाशित करने पर रोक लगाता है।
प्रकाशकों की पहचान का खुलासा
अधिकारियों ने बताया कि इसमें रेखांकित किया गया है कि प्रकाशकों की पहचान का खुलासा करने की आवश्यकता अभियान के वित्तपोषण को विनियमित करने और सामग्री को आदर्श आचार संहिता या वैधानिक प्रावधानों के अनुपयुक्त पाए जाने संबंधी जिम्मेदारी तय करने में आधार का काम करती है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने हाल में समान अवसर मुहैया कराने में धन और बल के साथ-साथ भ्रामक सूचना को एक अहम चुनौती करार दिया था। कुमार ने गलत सूचना पर अंकुश लगाने पर जोर दिया था और साथ ही कहा था कि गलत सूचना एक ‘बुलबुला’ है जो छूने पर ‘फट’ जाता है। आदेश में कहा गया, ‘‘ इस निर्देश के साथ आयोग ने अब ‘आउटडोर मीडिया’ पर प्रकाशित राजनीतिक विज्ञापनों के लिए स्थान किराए पर देने वाले शहरी स्थानीय निकायों के मुद्रकों, प्रकाशकों, लाइसेंसधारियों/ठेकेदारों की जवाबदेही तय कर दी है।
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