पहलगाम में भारी बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा स्थगित, श्रद्धालुओं को शिविरों में रोका गया
जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण शनिवार को अमरनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। उत्तर और दक्षिण कश्मीर के दोनों बेस कैंप से चलने वाली यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि भारी बारिश के कारण उत्तरी कश्मीर के बालटाल और दक्षिण कश्मीर के नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप से यात्रियों की आवाजाही अस्थायी रूप से रोक दी गई है। बालटाल बेस कैंप से यात्रियों को गुफा मंदिर तक पैदल या टट्टुओं पर 14 किलोमीटर लंबा रास्ता तय करना पड़ता है, जबकि पारंपरिक नुनवान बेस कैंप से जाने वालों को 48 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है, जिसमें चार दिन एक तरफ से लगते हैं।
- शनिवार को अमरनाथ तीर्थयात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है
- कश्मीर के दोनों बेस कैंप से चलने वाली यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है
अब तक 1.50 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
पहलगाम-गुफा मंदिर मार्ग में पहलगाम से चंदनवारी, चंदनवारी से शेषनाग, शेषनाग से पंचतरणी और पंचतरणी से गुफा मंदिर शामिल हैं। 14 किलोमीटर लंबे बालटाल बेस कैंप मार्ग से जाने वाले लोग गुफा मंदिर के अंदर दर्शन के बाद उसी दिन बेस कैंप लौट आते हैं। कश्मीर में अमरनाथ मंदिर में पिछले सात दिनों में 1.50 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए। वहीं 5 हजार 871 यात्रियों का एक और जत्था शनिवार को कश्मीर के लिए रवाना हुआ। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि सात दिनों में अब तक 1.50 लाख से अधिक तीर्थयात्री यात्रा कर चुके हैं। SASB के अधिकारियों ने बताया, "आज 5,871 यात्रियों का एक और जत्था दो सुरक्षा काफिलों के साथ जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए रवाना हुआ। इनमें से 2,112 यात्रियों का पहला जत्था 110 वाहनों में सवार होकर सुबह 2:50 बजे उत्तरी कश्मीर के बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुआ, जबकि 3,759 यात्रियों को लेकर 134 वाहनों का दूसरा काफिला सुबह 3:50 बजे दक्षिण कश्मीर के नुनवान बेस कैंप के लिए रवाना हुआ।"
यात्रा 29 जून से हुई थी शुरू
अधिकारियों ने कहा, "यात्रा 29 जून को शुरू होने के बाद से बिना किसी रुकावट के सुचारू रूप से चल रही है।" श्रद्धालु या तो 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम गुफा मंदिर मार्ग से यात्रा करते हैं या फिर 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से यात्रा करते हैं। पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले लोग गुफा मंदिर के अंदर 'दर्शन' करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौट आते हैं।
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