Manipur हिंसा पर बोले Amit Shah, सरकार शांति के लिए मेइती और कुकी समुदायों से कर रही बातचीत
Amit Shah on Manipur: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि सरकार मणिपुर में स्थायी शांति के लिए मेइती और कुकी दोनों समुदायों से बातचीत कर रही है और घुसपैठ रोकने के लिए म्यांमा से लगती देश की सीमा पर बाड़ लगाना शुरू कर दिया है।
Highlights
- मणिपुर हिंसा पर बोले अमित शाह
- सरकार शांति के लिए समुदायों से कर रही बातचीत
- मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा को लेकर हिंसा
सरकार शांति के लिए समुदायों से कर रही बातचीत- अमित शाह
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में शाह ने कहा कि पिछले सप्ताह तीन दिनों की हिंसा को छोड़ दिया जाए तो मणिपुर में स्थिति कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रही है और सरकार अशांत पूर्वोत्तर राज्य में शांति बहाल करने के लिए काम कर रही है। इस मौके पर शाह के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव भी थे।
शांति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे- अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि तीन दिन की हिंसा के अलावा पिछले तीन महीने में कोई बड़ी घटना नहीं हुई। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले तीन दिन से शांति है और मुझे उम्मीद है कि हम स्थिति को नियंत्रित कर लेंगे। हम दोनों समुदायों से बात कर रहे हैं। यह जातीय हिंसा थी और जब तक दोनों समुदायों के बीच बातचीत नहीं होगी, तब तक कोई समाधान नहीं निकल सकता।’’ शाह ने कहा, ‘‘हम शांति बनाए रखने के लिए दोनों समुदायों से बात कर रहे हैं। हमने एक खाका तैयार किया है और हम (शांति सुनिश्चित करने के लिए) हर संभव कदम उठाएंगे।’’
म्यांमा-भारत की सीमा पर बाड़ लगाने का काम पूरा
अमित शाह ने कहा कि सरकार ने मणिपुर में रणनीतिक स्थानों पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों की तैनाती का काम सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के शुरुआती 100 दिन में म्यांमा-भारत की उस सीमा पर बाड़ लगाने का काम शुरू हो गया है जो समस्या की जड़ है। उन्होंने कहा, ‘‘(म्यांमा के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर) 30 किलोमीटर तक बाड़ लगाने का काम पूरा हो चुका है। इसके अलावा भारत सरकार ने सीमा पर कुल 1,500 किलोमीटर बाड़ लगाने के काम के लिए धनराशि स्वीकृत कर दी है।’’
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा को लेकर हिंसा
मणिपुर में पिछले वर्ष तीन मई को बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ निकाला गया था और इस दौरान हिंसा भड़क गई थी। तब से जारी हिंसा में कुकी और मेहती समुदायों के 220 से अधिक लोग और सुरक्षाकर्मी मारे जा चुके हैं। शाह ने पूर्वोत्तर क्षेत्र की समग्र स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार ने क्षेत्र के विभिन्न संगठनों के साथ 11 शांति समझौते किए हैं, जिनके कारण 10,900 से अधिक युवा हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अब केवल एक संगठन बचा है और हम उस संगठन से भी बातचीत कर रहे हैं।’’
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