एप्पल ने पेगासस जैसे स्पाइवेयर हमलों से यूजर्स को किया अलर्ट
Apple/ Pegasus News: आईफोन मैन्युफैक्चरिंग कंपनी एप्पल ने अपने उपयोगकर्ताओं को पेगासस जैसे खतरनाक स्पाइवेयर हमलों को लेकर आगाह करते हुए कहा है कि सीमित संख्या में लोगों को इनका निशाना बनाया जा रहा है।
Highlights:
- आईफ़ोन निर्माता कंपनी ने अपने यूजर्स के लिए जारी किया अलर्ट
- पेगासस जैसे स्पाइवेयर हमलों से बचने के लिए अलर्ट
- पत्रकार, कार्यकर्ता, राजनेता और राजनयिक पेशे से जुड़े लोगों पर हो सकता है टार्गेटेड अटैक
आईफोन विनिर्माता एप्पल ने अपने उपयोगकर्ताओं को पेगासस जैसे परिष्कृत स्पाइवेयर हमलों को लेकर आगाह करते हुए कहा है कि सीमित संख्या में लोगों को इनका निशाना बनाया जा रहा है। स्पाइवेयर हमलों की जद में आने वाले लोगों में पत्रकार, कार्यकर्ता, राजनेता और राजनयिक शामिल हैं।?
भाड़े के स्पाइवेयर से हमले हो सकतें
दिग्गज फ़ोन निर्माता कंपनी ने कहा, ‘‘खतरे की सूचनाएं उन उपयोगकर्ताओं को सूचित करने और मदद करने के लिए तैयार की गई हैं, जिन्हें व्यक्तिगत रूप से भाड़े के स्पाइवेयर हमलों से निशाना बनाया गया हो। संभवतः ऐसा इसलिए हो कि वे कौन हैं या क्या करते हैं।
एप्पल ने कहा कि भाड़े के स्पाइवेयर हमलों की कीमत लाखों डॉलर होती है। इसके अलावा हमले की अवधि कम होने से उनका पता लगा पाना और उन्हें रोक पाना खासा मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा अधिकांश उपयोगकर्ताओं पर ऐसे हमले कभी भी नहीं किए जाते हैं।
एक मिस्ड कॉल से ही हैकर्स के कब्जे में फ़ोन
कंपनी ने कहा, ‘‘नागरिक समाज संगठनों, प्रौद्योगिकी फर्मों और पत्रकारों से मिली सूचनाओं और शोध से पता चलता है कि इसपर आने वाली ऊंची लागत और जटिलता को देखते हुए ये हमले ऐतिहासिक रूप से सरकारी पक्षों से जुड़े रहे हैं। इनमें सरकारी की तरफ से भाड़े के स्पाइवेयर विकसित करने वाली निजी कंपनियां भी शामिल हैं जिनमें एनएसओ ग्रुप का स्पाइवेयर पेगासस भी है। पेगासस स्पाइवेयर ने उपयोगकर्ता के व्हाट्सएप पर सिर्फ एक मिस कॉल देकर उसके मोबाइल फोन को अपने नियंत्रण में ले लिया था।
अहम इसलिए क्योंकि भारत समेत 60 देशों में होने जा रहा चुनाव
एप्पल ने 10 अप्रैल को जारी इस खतरे की नोटिफिकेशन में पिछले शोध और रिपोर्टों के आधार पर यह संकेत दिया है कि ऐसे हमलों का ताल्लुक ऐतिहासिक रूप से सरकार से जुड़े पक्षों से रहा है। यह नोटिफिकेशन ऐसे समय में आयी है जब भारत समेत करीब 60 देशों में इस साल चुनाव होने जा रहे हैं।
लॉकडाउन मोड ऑन कर लें- एप्पल
एप्पल का कहना है कि स्पाइवेयर हमले बहुत उन्नत हैं और पूरी दुनिया में हो सकते हैं, जिससे ये एक बड़ी समस्या बन सकते हैं। उनका सुझाव है कि उपयोगकर्ता खुद को सुरक्षित रखने के लिए लॉकडाउन मोड चालू कर लें। इन हमलों का पता लगाने के लिए एप्पल अपनी स्वयं की तकनीक का उपयोग करता है, और वे इन्हें बहुत गंभीरता से लेते हैं।
ज्यादातर कंपनिया पता लगा पाने में असमर्थ
पिछले वर्ष एक सर्वेक्षण से पता चला था कि दुनियाभर में लगभग 49 प्रतिशत संगठन कर्मचारियों के उपकरणों पर हमले या सुरक्षा उल्लंघन का पता लगाने में असमर्थ हैं। साइबर सुरक्षा फर्म ‘चेक पॉइंट’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में पिछले छह महीनों में मोबाइल मालवेयर से प्रभावित संगठनों का साप्ताहिक औसत 4.3 प्रतिशत था, जबकि एशिया-प्रशांत क्षेत्र का औसत 2.6 प्रतिशत था।
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