Delhi CM Arvind Kejriwal: आबकारी नीति मामले में उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने के बाद शाम करीब छह बजकर पंद्रह मिनट पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आये। फैसले के बाद सुबह से ही जेल के बाहर आप समर्थकों ने उनका ढोल नगाड़ों से स्वागत किया। करीब 177 दिन बाद जेल से बाहर आने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल काफी भावुक दिखे दिखे।
Highlights:
- आबकारी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तिहाड़ जेल से बाहर आये अरविंद केजरीवाल
- फैसले के बाद सुबह से ही जेल के बाहर आप समर्थकों ने उनका ढोल नगाड़ों से किया स्वागत
- 177 दिन बाद जेल से बाहर आने के बाद करेंगे रोडशो
इससे पहले, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। आम आदमी पार्टी (आप) के आम कार्यकर्ता से लेकर वरिष्ठ नेता तक अदालत के फैसले पर खुशी जाहिर कर रहे हैं। पार्टी ने इसे ‘सत्य की जीत’ बताया है। करीब छह महीने पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी से अब तक मामला कानूनी और राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी उठापटक वाला रहा है।
केजरीवाल का स्वागत करने के लिए आप नेता और कार्यकर्ता तिहाड़ जेल के सामने जमा
राष्ट्रीय राजधानी में भारी बारिश के बीच आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं और सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने पार्टी प्रमुख एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का शुक्रवार शाम को तिहाड़ जेल से बाहर आने पर उनके समर्थन में नारे लगाते हुए स्वागत किया। दिल्ली आबकारी नीति में कथित ‘भ्रष्टाचार’को लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज मुकदमे में उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने के बाद केजरीवाल आज शाम को तिहाड़ जेल से बाहर आ गए। भारी बारिश के बावजूद मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल सहित आप के कई वरिष्ठ नेता ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक के जेल से बाहर आने का इंतजार कर रहे थे।
गिरफ्तारी से लेकर अब तक ‘केजरीवाल प्रकरण’ में क्या-क्या हुआ ?
- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। आम आदमी पार्टी (आप) के आम कार्यकर्ता से लेकर वरिष्ठ नेता तक अदालत के फैसले पर खुशी जाहिर कर रहे हैं। पार्टी ने इसे ‘सत्य की जीत’ बताया है। करीब छह महीने पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी से अब तक मामला कानूनी और राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी उठापटक वाला रहा है।
- मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शराब घोटाले के जुड़े धन शोधन मामले में जब नौ बार ईडी के नोटिस को नजरअंदाज किया, तो उन्हें इस साल 21 मार्च को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया गया। इस दौरान, केजरीवाल से पूछताछ होती रही, जिसमें कई तथ्य निकलकर सामने भी आए। लेकिन इस बीच देश में लोकसभा चुनाव का बिगुल बजा, तो भारतीय राजनीति में अपनी जमीन बढ़ाने की तलाश में जुटी आम आदमी पार्टी को अपने नेता केजरीवाल की अहमियत का एहसास हुआ।
- ‘आप’ को लगा कि अगर केजरीवाल प्रचार करेंगे तो पार्टी को चुनाव में फायदा होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। शीर्ष न्यायालय ने उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए 10 मई से लेकर 1 जून तक के लिए जमानत दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल कोई आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति नहीं हैं, और न ही उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड रहा है, लिहाजा वह समाज के लिए कोई खतरा नहीं हैं।
वहीं, 2 जून को जमानत अवधि समाप्त होने के बाद केजरीवाल वापस तिहाड़ जेल चले गये। इसके बाद, 26 जून को ईडी के बाद सीबीआई ने भी उन पर शिकंजा कसा। सीबीआई ने उन्हें 26 जून को इसी मामले में गिरफ्तार कर लिया। इस बीच, वह पहले से ही ईडी की हिरासत में थे।
इसके बाद, 12 जुलाई को ईडी केस में सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी, लेकिन सीबीआई वाले मामले में उन्हें कोई राहत नहीं मिली, जिसकी वजह से वे सलाखों के पीछे ही रहे।
- दिल्ली हाईकोर्ट ने 5 अगस्त को सीबीआई द्वारा केजरीवाल को गिरफ्तार किए जाने के फैसले को बरकरार रखा और जमानत के लिए उन्हें निचली अदालत जाने का निर्देश दिया। इसके बाद, केजरीवाल ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और जमानत की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई द्वारा 5 सितंबर को गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली दो जजों की पीठ ने 13 सितंबर को अपने फैसले में दिल्ली आबकारी नीति मामले में केजरीवाल को जमानत दे दी। यह जमानत सीबीआई वाले मामले में मिली है। इसके बाद आम आदमी पार्टी के नेता हर्षित और उत्साहित नजर आ रहे हैं।