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लोकसभा में उठेगा असम बाढ़ का मुद्दा, गौरव गोगोई ने दिया नोटिस

12:51 PM Jul 31, 2024 IST | Yogita Tyagi
लोकसभा में उठेगा असम बाढ़ का मुद्दा  गौरव गोगोई ने दिया नोटिस

संसद के बजट सत्र की कार्यवाही जारी है। संसद में कई मुद्दों पर चर्चा भी देखने को मिल रही है। इस बीच लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने बुधवार को असम बाढ़ प्रबंधन का मुद्दा उठाने के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, "मैं सदन की कार्यवाही स्थगित करने के लिए अनुमति मांगने के अपने इरादे की जानकारी देना चाहता हूं। ताकि तत्काल इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा की जा सके। मैं असम में बाढ़ प्रबंधन के लिए केंद्रीय बजट 2024 में किए गए अपर्याप्त आवंटन पर गहरी चिंता व्यक्त करता हूं। साल दर साल, राज्य इस संकट से जूझता है और फिर भी बाढ़ प्रबंधन के लिए किया गया आवंटन अपर्याप्त है।"

  • संसद के बजट सत्र की कार्यवाही जारी है
  • संसद में कई मुद्दों पर चर्चा भी देखने को मिल रही है
  • गौरव गोगोई ने असम बाढ़ प्रबंधन का मुद्दा उठाने के लिए प्रस्ताव पेश किया

बाढ़ को लेकर जताई चिंता



उन्होंने कहा, "बजट भाषण में बाढ़ प्रबंधन की धनराशि के आवंटन के बिना असम का उल्लेख किए राज्य के लोगों की दुर्दशा के लिए सरकार की उपेक्षा का स्पष्ट संकेत है। यह निराशाजनक है कि अन्य राज्य, जो असम की तुलना में कम प्रभावित हैं, उनको आपदा प्रबंधन के लिए काफी अधिक आवंटन दिया गया है। इसके अलावा बाढ़ नियंत्रण और जल निकासी के लिए जल शक्ति मंत्रालय को किए गए आवंटन में 2022-23 में 104.56 करोड़ से 2024 में 33.17 करोड़ तक की महत्वपूर्ण कमी चिंताजनक है।"

गौरव गोगोई ने असम के हालातों का किया जिक्र



गौरव गोगोई ने असम के हालातों का जिक्र करते हुए कहा, "असम का बाढ़ प्रभावित क्षेत्र 31.05 लाख हेक्टेयर में फैला है, जो राज्य के कुल भूमि क्षेत्र का लगभग 39.58 फीसदी है। यह देश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के राष्ट्रीय निशान से चार गुना अधिक है। राष्ट्रीय बाढ़ आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि बिहार और असम में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के बीच मामूली अंतर है। हालांकि, बाढ़ के प्रभाव के मामले में असम बिहार से भी बदतर स्थिति में है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य सरकार के साथ-साथ भाजपा के सांसद भी इस भेदभावपूर्ण व्यवहार पर चुप हैं। पर्याप्त धन की कमी असम में बाढ़ की रोकथाम और पुनर्वास उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने की क्षमता को गंभीर रूप से बाधित कर रही है।" उन्होंने कहा कि असम में बाढ़ प्रबंधन में निवेश करना केवल एक खर्च नहीं बल्कि राज्य के भविष्य में एक विवेकपूर्ण निवेश है। इसलिए, मैं सदन से आग्रह करता हूं कि इस मामले पर अत्यंत तत्परता से चर्चा की जाए और सरकार को असम में बाढ़ प्रबंधन के महत्वपूर्ण मुद्दे को हल करने के लिए ठोस कदम उठाने के लिए मजबूर किया जाए।

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