'सिख फॉर जस्टिस' संगठन पर लगे प्रतिबंध को सरकार ने 5 साल के लिए बढ़ाया
Sikh For Justice: गृह मंत्रालय की ओर से खालिस्तान समर्थक समूह ‘सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) पर बड़ा एक्शन लिया गया है । दरअसल, इस संगठन पर भारत विरोधी गतिविधियों के कारण लगाया गया बैन मंत्रालय ने पांच साल के लिए बढ़ा दिया है।
Highlights:
- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने खालिस्तान समर्थक सिख फॉर जस्टिस संस्था लगी रोक बढ़ाया गया
- भारत विरोधी गतिविधि के लिए लगाया गया था प्रतिबंध
- UAPA के तहत प्रतिबंधित संगठन में किया गया था शामिल
यह जानकारी गृह मंत्रालय ने अपनी ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा कि एसएफजे को पांच साल पहले गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया था, इस नोटिफिकेशन में यह भी बताया गया की इसकी राष्ट्र विरोधी गतिविधियां देश की आंतरिक सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरनाक है।
राष्ट्र-विरोधी और नफरत फैलाने का आरोप भी हैं शामिल
इसमें कहा गया है कि 'सिख फॉर जस्टिस' ( Sikh For Justice ) पंजाब और अन्य जगहों पर राष्ट्र-विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में संलिप्त है तथा इसका इरादा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करना है।मंत्रालय ने कहा कि एसएफजे भारतीय क्षेत्र के एक हिस्से को भारत से अलग करने के लिए गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है और उनकी मदद कर रहा है। मंत्रालय ने यह भी आधार रखा की, यह संगठन भारत और अन्य स्थानों पर अलगाववादी ग्रुप्स का समर्थन करता है और इसके लिए वह ऐसी गतिविधियों में लिप्त है जिनकी मंशा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को तबाह करना है।
क्या है 'Sikh For Justice' ?
बता दें कि इस संगठन यानि 'सिख फॉर जस्टिस' ( Sikh For Justice ) एक कट्टरपंथी संगठन है। जो पंजाब को लगातार एक खालिस्तानी देश बनाने की दिशा में ऐक्टिव रहा है। इसके लिए यह संगठन कई राष्ट्रीय विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रह चुका है। इस संगठन का प्रमुख गुर्गा गुरुपतवंत सिंह पन्नू है जिसने 2007 में इस संगठन की नींव रखी थी। वो पेशे से खुद को वकील बताता है। इस संगठन का संचालन अमेरिका से होता है। अलग खालिस्तानी मुल्क बनाने की दिशा में यह संगठन लगातार कई देशों में रेफरेंडम भी आयोजित करवा चुका है। गौरतलब है कि एफएसजे यानि सिख फॉर जस्टिस पर इससे पहले भी कई तरह के आरोप लग चुके हैं।
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