IndiaWorldDelhi NCRUttar PradeshHaryanaRajasthanPunjabJammu & Kashmir BiharOther States
Sports | Other GamesCricket
HoroscopeBollywood KesariSocialWorld CupGadgetsHealth & Lifestyle
Advertisement

भारतीय रेल ने Bangladesh जाने वाली सभी ट्रेनों का परिचालन किया स्थगित

07:27 PM Aug 05, 2024 IST
Advertisement

Bangladesh Situation: बांग्लादेश में बिगड़ते माहौल को देखते हुए भारतीय रेलवे ने बांग्लादेश में चल रहे छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच सोमवार को पड़ोसी देश जाने वाली सभी ट्रेनों का परिचालन स्थगित कर दिया।

Highlights

 

भारतीय रेलवे ने Bangladesh जाने वाली सभी ट्रेनों को किया रद्द

शेख हसीना ने बांग्लादेश(Bangladesh) की प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है और छात्रों के नेतृत्व में बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बीच देश छोड़कर चली गई हैं। इसी के मद्देनजर रेलवे ने ये फैसला लिया है। प्रभावित ट्रेनों में कोलकाता-ढाका-कोलकाता मैत्री एक्सप्रेस (13109/13110), कोलकाता-ढाका-कोलकाता मैत्री एक्सप्रेस (13107/13108), कोलकाता-खुलना-कोलकाता बंधन एक्सप्रेस और ढाका-न्यू जलपाईगुड़ी-ढाका मिताली एक्सप्रेस शामिल हैं।

शेख हसीना ने प्रधानमंत्री के पद से दिया इस्तीफा

सोमवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में बांग्लादेश(Bangladesh) के सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने घोषणा की कि शेख हसीना ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है और जल्द ही अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा। उन्होंने नागरिकों से बांग्लादेशी सेना पर भरोसा करने की अपील की और उन्हें आश्वासन दिया कि रक्षा बल आने वाले दिनों में शांति सुनिश्चित करेंगे। जनरल वकर-उज-जमान ने यह भी कहा कि वह जल्द ही राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से मुलाकात करेंगे।

हिंसक झड़प में 100 से अधिक लोगों की मौत

यह घटनाक्रम रविवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों के बाद सामने आया, जिसमें 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 1,000 से अधिक लोग घायल हो गए। देश के प्रमुख दैनिक 'द डेली स्टार' ने बताया कि सरकार विरोधी प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या केवल तीन हफ्ते में 300 को पार कर गई है, जिससे यह बांग्लादेश के नागरिक आंदोलन के इतिहास में सबसे खूनी दौर बन गया है।

सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन

छात्र 1971 में खूनी गृहयुद्ध में पाकिस्तान से बांग्लादेश(Bangladesh) की आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। ढाका के अधिकारियों के अनुसार, 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी सैनिकों और उनके समर्थकों द्वारा किए गए नरसंहार में 30 लाख लोग मारे गए थे।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण को घटाकर 5 प्रतिशत करने के बाद छात्र नेताओं ने विरोध प्रदर्शन रोक दिया था, लेकिन प्रदर्शन फिर से तब भड़क गया जब छात्रों ने कहा कि सरकार ने उनके सभी नेताओं को रिहा करने के उनके आह्वान को नजरअंदाज कर दिया और प्रधानमंत्री हसीना के इस्तीफे की मांग की।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Advertisement
Next Article