Bangladesh Reservation : हिंसक प्रदर्शनों में 150 लोगों की मौत, मंगलवार को रखा जाएगा राष्ट्रव्यापी शोक
Bangladesh Reservation Protest: बांग्लादेश की सरकार ने सोमवार को पहली बार स्वीकार किया कि आरक्षण व्यवस्था के खिलाफ छात्रों के हिंसक प्रदर्शन के दौरान देशभर में 150 लोगों की मौत हुई है।
- बांग्लादेश में आरक्षण के विरोध में हिंसक प्रदर्शनों में मरने वाले छात्रों का आंकड़ा 150 के करीब पहुंचा
- पीएमओ का ऐलान- कल देश भर में रखा जाएगा शोक
- इस महीने की आरक्षण के विरोध में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शुरू हुआ था हिंसक प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए उतरनी पड़ी सेना
हाल में बांग्लादेश में हिंसा भड़क गई थी और सरकार को नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए सेना बुलानी पड़ी थी। इस महीने की शुरुआत में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन जल्द ही प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी सरकार के खिलाफ एक व्यापक आंदोलन में बदल गया। इन हिंसक प्रदर्शनों में पुलिसकर्मियों सहित काफी संख्या में लोग घायल हुए हैं और अहम सरकारी प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाया गया।
सभी समुदाय व धर्म स्थलों पर रखी जाएगी प्रार्थना सभा- पीएमओ
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में हसीना की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद कैबिनेट सचिव महबूब हुसैन ने मीडिया को बताया, ‘‘ सरकार ने फैसला किया है कि कल देशव्यापी शोक रखा जाएगा... लोगों से (हिंसा के दौरान हुई) मौतों पर शोक व्यक्त करने के लिए काले बैज पहनने का आग्रह किया गया है।”
उन्होंने कहा कि देश भर की मस्जिदों, मंदिरों, पैगोडा (बौद्ध उपासना स्थल) और गिरजाघरों से अनुरोध किया गया है कि वे दिवंगत लोगों और घायलों के लिए प्रार्थना सभा का आयोजन करें।
प्रोटेस्ट करने वालों में से छह को-ऑर्डिनेटर्स ने की प्रदर्शन वापस लेने की घोषणा
शीर्ष नौकरशाह ने कहा कि गृह मंत्री असद-उज-ज़मां खान कमाल ने बैठक में समग्र स्थिति के बारे में एक रिपोर्ट पेश की और देश भर में झड़पों में 150 लोगों की मौत होने की पुष्टि की। यह ऐलान उस दिन किया गया है जब सेना और अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियां राजधानी ढाका की सड़कों पर गश्त कर रही हैं, और दंगा रोधी उपकरणों से लैस पुलिस भी तैनात है। प्रदर्शनकारी छात्रों के एक गुट ने रविवार रात को विरोध प्रदर्शन के नए दौर का आह्वान किया है। समूह ने नये सिरे से विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है जबकि उसके छह समन्वयकों ने प्रदर्शन वापस लेने की घोषणा की है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह निर्णय पुलिस हिरासत में दबाव में लिया गया है।
93 प्रतिशत नौकरियां योग्यता के आधार पर उम्मीदवारों के लिए होंगी उपलब्ध
प्रदर्शन से पीछे हटने वाले छह छात्र नेताओं ने रविवार रात मीडिया के सामने कहा कि आरक्षण व्यवस्था पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद सरकार ने उनकी मांगों को मान लिया है। अदालत के आदेश के अनुरूप सरकार ने एक गजट अधिसूचना जारी की जिसमें कहा गया कि 93 प्रतिशत नौकरियां योग्यता के आधार पर उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध होंगी। ‘प्रोथोम एलो’ अखबार ने 210 मौतें होने की खबर दी है जिनमें से 113 बच्चे शामिल हैं। जान गंवाने वाले अन्य लोगों में ज़्यादातर किशोर और युवा हैं। अखबार ने कहा कि अशांति की शुरुआत से लेकर अब तक देश भर में कम से कम नौ हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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