कांग्रेस के बड़े नेता नहीं जाएंगे अयोध्या
राममंदिर मंदिर पर राजनितिक बयानबाज़ी का दौर अभी बरकारार है। राममंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण पर भी कई राजनितिक पार्टियां दो धड़ो में विभाजित होती नज़र आई। कई नेता इस आयोजन में जाने के लिए काफी उत्साहित नज़र आ रहे है तो वही बहुत से नेताओं की इस कार्यक्रम को लेकर राय ही अलग है। इन सबके बीच ऐसे भी नेता है जो निमंत्रण ना मिलने से नाराज है और कह रहे है की हमें निमंत्रण भी मिले तो भी नहीं जायंगे। प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कांग्रेस पार्टी ने बड़ी घोषणा की ।
- निमंत्रण ससम्मान अस्वीकार करते
- अर्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन
- चुनावी लाभ के लिए
राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण
सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अयोध्या नहीं जाएंगे। पिछले महीने राम जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और कांग्रेस संसदीय दल के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण मिला था। कांग्रेस पार्टी ने एक बयान जारी किया गया है। इस बयान में कहा गया है कि बीजेपी और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है। एक अर्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा है।
अर्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन
कांग्रेस ने बयान में कहा कि भगवान राम की पू्जा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं। धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता आया है, लेकिन बीजेपी और आरएसएस ने राम मंदिर को एक राजनीतिक परिजोना बना दिया है। इससे स्पष्ट है कि एक अर्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन के केवल चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा है।
निमंत्रण ससम्मान अस्वीकार
वक्तव्य में आगे कहा गया है कि 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकर करते हुए एवं लोगों की आस्था के सम्मान में मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी बीजेपी और आरएसएस के इस आयोजन को निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं।
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