रूस-यूक्रेन जंग को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में बड़ा खुलासा : परमाणु हमले की तैयारी में था रूस, पीएम मोदी की दखल के बाद पुतिन ने बदला फैसला
एक ओर रूस और यूक्रेन के बीच जंग अभी तक चल रही है। वही, दूसरी तरफ इस से एक जुड़ा बड़ा खुलासा सामने आया है। जी हाँ , रूस और यूक्रेन जंग को लेकर दो अमेरिकी अधिकारियों ने बड़ा खुलासा किया है। सीएनएन ने दो वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के हवाले से यह खबर दी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य देशों की पहुंच ने भी संकट को टालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रूस ने यूक्रेन पर परमाणु हमला करने की ठान ली थी
आपको बता दे कि रूस ने एक समय तो यूक्रेन पर परमाणु हमला करने की ठान ली थी लेकिन पीएम मोदी के दखल देने और पुतिन से वार्ता करने के बाद यह हमला टल गया था। हालांकि बाद में अन्य देशों ने भी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर परमाणु हमला न करने को लेकर पुतिन से अपील की थी।
पीएम मोदी ने परमाणु युद्ध को टालने में निभाई थी अहम भूमिका
हालांकि , रूस और यूक्रेन का संघर्ष दो वर्ष पुराना है। जो फरवरी, 2022 में शुरू हुए हिंसक संघर्ष और गहराते मानवीय संकट के बीच बीते 24 माह से अधिक समय में इस युद्ध के परमाणु संघर्ष की तरफ बढ़ने की कई रिपोर्ट्स भी सामने आईं। दोनों देशों में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षित स्वदेश वापसी या उनकी सुरक्षा के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमान संभाली थी। अब एक अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पीएम मोदी और कई वैश्विक नेताओं की सक्रियता के कारण परमाणु युद्ध को टाला जा सका।
भारत ने की शांति की बड़ी पहल
रिपोर्ट के मुताबिक,अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि पीएम मोदी और अन्य सहयोगियों के बयानों से परमाणु के संभावित संकट को टालने में काफी मदद मिली। अमेरिकी अधिकारी ने इस संबंध में विशेष तौर पर भारत की सराहना की। और कहा कि भारत ने शांति की बड़ी पहल की।
अमेरिकी अधिकारियों के बयानों के हवाले से तैयार की गई सीएनएन की इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि जो बाइडेन प्रशासन इस बात को लेकर चिंतित था कि रूस यूक्रेन के शहरों पर परमाणु हथियार का खतरनाक उपयोग कर सकता है।
यह युद्ध का युग नहीं - पीएम मोदी
बता दे कि रूस-यूक्रेन युद्ध के संबंध में भारत ने हमेशा तटस्थ भूमिका निभाई और दोनों ओर की हिंसा की कड़ी निंदा की। भारत ने बिना किसी का पक्ष लिये शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया है। पीएम मोदी ने पिछले साल उज्बेकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर राष्ट्रपति पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है। यह बयान भारत की अध्यक्षता में G20 समिट में भी दिया गया था। प्रधानमंत्री के इन बयानों का बड़ा असर हुआ।