IndiaWorldDelhi NCRUttar PradeshHaryanaRajasthanPunjabJammu & Kashmir BiharOther States
Sports | Other GamesCricket
HoroscopeBollywood KesariSocialWorld CupGadgetsHealth & Lifestyle
Advertisement

Bilkis Bano Case : सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के फैसले को पलटा, 11 दोषियों को सुनाई सजा

04:55 PM Jan 08, 2024 IST
Advertisement

Bilkis Bano Case सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गोधरा दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप करने और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या करने वाले 11 दोषियों को सजा सुनाई है साथ ही गुजरात सरकार के छूट देने वाले आदेश को भी रद्द कर दिया है इसके साथ ही कोर्ट ने गुजरात सर्कार को भी जमकर फटकार लगाई है कोर्ट ने कहा कि सरकार के पास ऐसा फैसला लेने का कोई भी अधिकार नहीं था ये एक अवैध फैसला था दरसअल गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो गैंगरेप में 11 दोषियों को रिहाई करने का फैसला लिया था। जिसके बाद विपक्ष ने भी गुजरात सरकार और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा था। सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए कहा कि , यह इस अदालत का कर्तव्य है कि वह मनमाने आदेशों को जल्द से जल्द सही करे और जनता के विश्वास की नींव को बरकरार रखे. इतना ही नहीं सर्वोच्च अदालत ने सभी 11 दोषियों को दो हफ्ते के भीतर सरेंडर करने को कहा है।

जस्टिस नागरत्ना ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अपराधियों को सजा इसलिए दी जाती है, ताकि भविष्य में अपराध रुकें। अपराधी को सुधरने का मौका दिया जाता है। लेकिन पीड़िता की तकलीफ का भी एहसास होना चाहिए। हमारा मानना ​​है कि इन दोषियों को स्वतंत्रता से वंचित करना उचित है। एक बार उन्हें दोषी ठहराए जाने और जेल में डाल दिए जाने के बाद उन्होंने अपनी स्वतंत्रता का अधिकार खो दिया है। साथ ही, यदि वे दोबारा सजा में छूट चाहते हैं तो यह जरूरी है कि उन्हें जेल में रहना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सभी 11 दोषियों को 2 हफ्ते में सरेंडर करने के लिए कहा है।

 

SC ने गुजरात सरकार के फैसले को क्यों किया रद्द

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने 11 दोषियों को दी गई छूट को इस आधार पर खारिज कर दिया कि गुजरात सरकार के पास सजा में छूट देने का कोई अधिकार नहीं था। SC ने कहा, जिस कोर्ट में मुकदमा चला था, रिहाई पर फैसले से पहले गुजरात सरकार को उसकी राय लेनी चाहिए थी। साथ ही जिस राज्य में आरोपियों को सजा मिली, उसे ही रिहाई पर फैसला लेना चाहिए था। दोषियों को महाराष्ट्र में सजा मिली थी। इस आधार पर रिहाई का आदेश निरस्त हो जाता है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो केस में दोषियों की रिहाई के खिलाफ याचिकाओं को सुनवाई योग्य माना। अदालत ने कहा, 13 मई 2022 के जिस आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को रिहाई पर विचार के लिए कहा था, वह दोषियों ने भौतिक तथ्यों को दबाकर और भ्रामक तथ्य बनाकर हासिल किया था।

बिलकिस के परिवार पर भीड़ ने किया था हमला

दरअसल, गुजरात में 2002 में हुए दंगों के दौरान बिलकिस के परिवार पर भीड़ ने हमला कर दिया था। भीड़ ने बिलकिस बानो के साथ रेप किया था। तब बिलकिस 5 महीने की गर्भवती थीं। इतना ही नहीं, भीड़ ने उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या भी कर दी थी. बाकी 6 सदस्य वहां से भाग गए थे। इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने 11 को दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इनमें से एक दोषी ने गुजरात हाईकोर्ट में अपील दायर कर रिमिशन पॉलिसी के तहत उसे रिहा करने की मांग की थी। गुजरात हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गुजरात सरकार से फैसला लेने के लिए कहा था। गुजरात सरकार ने सभी 11 दोषियों को पिछले साल बरी कर दिया था। बरी होने वाले दोषियों के नाम जसवंत नाई, गोविंद नाई, शैलेश भट्ट, राध्येशम शाह, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहनिया, प्रदीप मोर्दहिया, बकाभाई वोहनिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट्ट और रमेश चंदना हैं।

कांग्रेस ने बीजेपी पर महिला विरोधी होने का लगाया आरोप

वही इस फैसले के बाद कांग्रेस ने बीजेपी और गुजरात सरकार पर हमला बोलै है और इसे न्याय की जीत बताया है कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेत्री प्रियंका गाँधी वाड्रा ने x पर लिखा कि अंतत न्याय की जीत हुई सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगो के दौरान गैंगरेप की शिकार बिलकिस बनो के आरोपियों की रिहाई रद्द कर दी है इस आदेश से बीजेपी की महिला विरोधी नीतियों पर पड़ा हुआ पर्दा हैट गया है। इस आदेश के बाद जनता का न्याय व्यवस्था के प्रति विश्वास और मजबूत होगा।

Advertisement
Next Article