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Kerala: सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञों की एक समिति के अध्ययन के अनुसार केरल के जंगलों से आने वाले प्रवासी पक्षियों और कौओं के एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस के वाहक होने का संदेह है, जिसके कारण यह वायरस राज्य में घरेलू बतखों और मुर्गी फार्म में फैल रहा है।
समिति ने सोमवार को राज्य के पशुपालन मंत्री जे चिंचुरानी को अपनी रिपोर्ट सौंपी। राज्य में बर्ड फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए टीम गठित की गई थी। अलपुझा, पथनमथिट्टा और कोट्टयम जिलों में इससे बतख और मुर्गी पालन करने वाले किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।
मंत्री ने कहा कि सरकार रिपोर्ट में की गई सिफारिशों की सावधानीपूर्वक समीक्षा करेगी और उचित कदम उठाएगी। विशेषज्ञ दल में पशुपालन विभाग के विशेषज्ञ और पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक शामिल थे।
अध्ययन के हवाले से एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया, टीम ने पाया कि बीमारी पक्षियों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने से फैल सकती है। ये पक्षी संभवतः प्रवासी पक्षियों से संक्रमित हुए और उनकी बिक्री के माध्यम से भी बीमारी फैली। अध्ययन में कहा गया है कि बर्ड फ्लू से मरने वाले पक्षियों के अवशेषों के साथ-साथ उनके चारे और मल का वैज्ञानिक तरीके से निपटान नहीं किया गया, जिससे अन्य पक्षियों में बीमारी फैल गई।
अध्ययन में कहा गया है कि एक फार्म से दूसरे फार्म में पक्षियों की अनियंत्रित आवाजाही से भी बीमारी फैली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बीमारी संक्रमित कौवों के माध्यम से फैली हो सकती है। इसमें बर्ड फ्लू को रोकने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं की सिफारिश की गई है।