अयोध्या की रामलीला में बॉलीवुड का जश्न : मनोज तिवारी और रविकिशन करेंगे खास अदाकारी
अयोध्या : इस साल अयोध्या की रामलीला 1 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक भव्यता के साथ आयोजित की जाएगी, जिसमें बॉलीवुड के 42 से अधिक कलाकार भाग लेंगे। इस बार की रामलीला को खास बनाने के लिए दिल्ली के बीजेपी सांसद मनोज तिवारी 'बाली' की भूमिका में नजर आएंगे, जबकि गोरखपुर के सांसद रविकिशन 'सुग्रीव' की भूमिका निभाएंगे। अयोध्या की रामलीला के फाउंडर अध्यक्ष सुभाष मलिक (बॉबी) और महासचिव शुभम मलिक ने इस बार की प्रस्तुति को पिछले रिकॉर्ड्स को तोड़ने की उम्मीद जताई है। इस बार की रामलीला का लाइव प्रसारण किया जाएगा, जिससे इसे और भी विशेष बनाया जाएगा।
Highlight :
- अयोध्या की रामलीला में 42 से अधिक कलाकारों का होंगे शामिल
- मनोज तिवारी 'बाली' और रविकिशन 'सुग्रीव' की भूमिका निभाएंगे
- इस बार की रामलीला का मंचन लाइव दिखाया जाएगा
बॉलीवुड सितारों से सजी अयोध्या की रामलीला
इस साल की रामलीला में दर्शकों को राजनीति, फिल्म और संस्कृति का अनोखा संगम देखने को मिलेगा। इसमें अभिनेत्री भाग्यश्री 'वेदवती' की भूमिका में नजर आएंगी, जो हिंदू पौराणिक कथाओं में देवी सीता का पिछला जन्म माना जाता है। इसके अलावा, पद्म श्री मालिनी अवस्थी 'शबरी' के रूप में नजर आएंगी, जबकि अभिनेत्री रितु शिवपुरी सीता जी की मां सुनयना का किरदार निभाएंगी। टेलीविजन की लोकप्रियता से जुड़े कलाकारों की भी इस रामलीला में भागीदारी है। अमिता नांगिया 'मंदोदरी' के रूप में और मंगीशा सीता माता की भूमिका में दिखाई देंगी।
मैडोना 'कैकेई' का रोल निभाएंगी, जबकि पायल गोगा कपूर 'सूर्पनखा' की भूमिका में नजर आएंगी। अंजली शुक्ला मां कौशल्या और मां पार्वती के रूप में दर्शकों का दिल जीतेंगी। अन्य प्रमुख किरदारों में रजा मुराद राजा दशरथ के रूप में, राकेश बेदी राजा जनक के रूप में, बिंदु दारा सिंह भगवान शंकर के रूप में, रूबी चौहान मेघनाथ के रूप में, वेद सागर राम जी के रूप में, अनिमेष मिढा लक्ष्मण के रूप में, मनीष शर्मा रावण के रूप में, विनय सिंह कुंभकरण के रूप में और निरंजन नारद मुनि के रूप में नजर आएंगे।
बता दें कि, यह रामलीला न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का भी जश्न मनाती है। इस साल के आयोजन में बॉलीवुड के सितारों की भागीदारी इसे और भी विशेष बनाती है, जिससे दर्शकों को एक अद्भुत अनुभव प्राप्त होगा। अयोध्या की रामलीला में इस तरह के आयोजन से न केवल सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा मिलता है, बल्कि यह लोगों के बीच सामंजस्य और एकता का प्रतीक भी है।
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