Budget Session 2024: परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर संबोधन में क्या बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू?
संसद का बजट सत्र का आज यानी (31 जनवरी) से आगाज हो गया। ये 9 फरवरी तक चलेगा। यह बजट मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह आखिरी अंतरिम बजट है, जिसे कल यानी 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिबाषण के साथ ही संसद का अंतरिम बजट सत्र शुरू हो गया।
- परीक्षा में गड़बड़ी को रोकने के लिए कानून लाएगी सरकार
- संसद का बजट सत्र आज से हुआ शुरू
- 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी
नए संसद भवन में यह मेरा पहला संबोधन- मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नए संसद में अपने पहले अभिभाषण में कहा कि नए संसद भवन में यह मेरा पहला संबोधन है। देश में शिक्षा अधूरी छोड़ देने वाले बच्चों की संख्या में कमी और उच्च शिक्षा में लड़कियों के नामांकरण में वृद्धि की ओर ध्यान दिलाते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार परीक्षाओं में गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंता से अवगत है और इसे रोकने के लिए एक कानून लायेगी।
ओबीसी के छात्रों में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई
संसद के बजट सत्र की शुरुआत में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि पंजीकरण में अनुसूचित जाति के छात्रों के पंजीकरण में लगभग 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, अनुसूचित जनजाति के छात्रों के पंजीकरण में 65 प्रतिशत से अधिक और ओबीसी के छात्रों में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
देश में पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में कमी आई- राष्ट्रपति
मुर्मू ने कहा, ‘‘मेरी सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है। इसलिए ऐसे गलत तरीकों पर सख्ती के लिए नया कानून बनाने का निर्णय लिया गया है।’’उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सरकार के प्रयासों से देश में पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में कमी आई है। उच्च शिक्षा में लड़कियों का नामांकन बढ़ा है। अनुसूचित जाति के छात्रों के पंजीकरण में लगभग 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, अनुसूचित जनजाति के छात्रों के नामांकन में 65 प्रतिशत से अधिक और ओबीसी के छात्रों में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।’’उन्होंने कहा कि पक्के घर वाले परिवारों में बच्चों की शिक्षा में सुधार हुआ है और इसके परिणामस्वरूप स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की दर में गिरावट आई है।
6,000 से अधिक स्कूलों ने काम करना शुरू कर दिया- मुर्मू
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सरकार भारत के युवाओं की शिक्षा और कौशल विकास के लिए निरंतर नई पहल कर रही है। इसके लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई और उसे तेजी से लागू किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा और भारतीय भाषाओं में शिक्षा पर बल दिया गया है। इंजीनियरिंग, मेडिकल, कानून जैसे विषयों का शिक्षण भारतीय भाषाओं में शुरू किया गया है। ’’उन्होंने कहा कि स्कूली छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार 14,000 से ज्यादा ‘पीएम श्री विद्यालयों’ पर काम कर रही है। इनमें से 6,000 से अधिक स्कूलों ने काम करना शुरू कर दिया है।
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