केंद्र ने व्यावसायिक समूहों से Awards स्वीकार करने वाले लोक सेवकों के लिए नए नियम जारी किए
निजी संगठनों से पुरस्कार प्राप्त करने वाले सरकारी अधिकारियों के संबंध में केंद्र द्वारा नए प्रतिबंध जारी किए गए हैं। नवीनतम मानदंडों के अनुसार, निजी संगठनों से अब कोई भी पुरस्कार प्राप्त करने से पहले संबंधित प्राधिकारी से पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है। कार्मिक मंत्रालय के अनुसार, अनुमति "केवल असाधारण परिस्थितियों में" दी जा सकती है।
Highlights:
• मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि पुरस्कारों का कोई मौद्रिक लाभ नहीं होना चाहिए
• सक्षम प्राधिकारी से पूर्व अनुमोदन के बाद निजी संगठन से पुरस्कार स्वीकार किये जा सकते हैं
• केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 के नियम 14 में इसका प्रावधान है
• आमतौर पर निजी निकायों और संस्थानों द्वारा सरकारी कर्मचारियों को दिए जाने वाले Awards को प्रोत्साहित करने की कोई आवश्यकता नहीं है
मंत्रालय ने कहा कि पुरस्कार में कोई मौद्रिक लाभ नहीं होना चाहिए। यह कदम तब उठाया गया है जब मंत्रालय ने पाया कि इस संबंध में मौजूदा निर्देशों का सही अर्थों में पालन नहीं किया जा रहा है। कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है, "इसलिए, यह स्पष्ट किया जाता है कि निजी निकायों/संस्थाओं/संगठनों द्वारा दिए गए Awards सक्षम प्राधिकारी की पूर्व मंजूरी के बाद ही स्वीकार किए जा सकते हैं।"
केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों को जारी आदेश में कहा है कि किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा पुरस्कार स्वीकार करने का सक्षम प्राधिकारी संबंधित मंत्रालय/विभाग का सचिव होगा। आदेश में यह भी कहा गया है की, “भारत सरकार के सचिव स्तर के सचिवों और अधिकारियों द्वारा पुरस्कार स्वीकार करने के लिए सक्षम प्राधिकारी कैबिनेट सचिव होंगे।” आदेश के मुताबिक, ''केवल असाधारण परिस्थितियों में'' मंजूरी दी जा सकती है। पुरस्कार में नकद और/या सुविधाओं के रूप में कोई मौद्रिक लाभ नहीं होना चाहिए। और , "निजी निकायों/संस्थाओं/संगठनों की प्रतिष्ठा बेदाग होनी चाहिए।"
केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 के नियम 14 में प्रावधान है कि ‘‘कोई भी सरकारी कर्मचारी, सरकार की पूर्व मंजूरी के बिना कोई प्रशंसात्मक या विदाई भाषण प्राप्त नहीं करेगा या कोई प्रशंसापत्र स्वीकार नहीं करेगा या उसके अथवा किसी अन्य सरकारी कर्मचारी के सम्मान में आयोजित किसी बैठक या मनोरंजन कार्यक्रम में भाग नहीं लेगा।’’
कार्मिक मंत्रालय ने 1999 में एक और आदेश जारी कर कहा था कि, ‘‘सामान्य तौर पर निजी निकायों और संस्थानों द्वारा सरकारी कर्मचारियों को दिए जाने वाले पुरस्कारों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता नहीं है’’ क्योंकि उनकी योग्यता और सेवा को पहचानने के लिए सरकार के पास स्वयं कई तरीके उपलब्ध हैं।