CM Mohan Yadav ने की कांग्रेस से माफी की मांग, जीतू पटवारी ने लगाया था आरोप
CM Mohan Yadav: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कांग्रेस से उसके नेता जीतू पटवारी के उस बयान को लेकर शनिवार को माफी की मांग की, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अधिकारी अपनी पसंद की पदस्थापना के लिए भाजपा सरकार को पैसे दे रहे हैं।
Highlights
- CM मोहन यादव का कांग्रेस से माफी की मांग
- CM मोहन यादव ने कांग्रेस पर किया पलटवार
- 'नर्मदापुरम के जिलाधिकारी के खिलाफ स्टिंग ऑपरेशन करना चाहिए'
CM Mohan Yadav ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए किया बड़ा दावा
कांग्रेस की शुक्रवार को 'किसान न्याय यात्रा' के दौरान एक जन सभा में प्रदेश अध्यक्ष पटवारी ने आरोप लगाया कि नर्मदापुरम (होशंगाबाद) के जिलाधिकारी ने पद हासिल करने के लिए पैसे दिए थे। CM मोहन यादव(CM Mohan Yadav) ने दावा किया था, ‘‘मैं पत्रकारों से कहना चाहूंगा कि नर्मदापुरम के जिलाधिकारी के खिलाफ एक स्टिंग ऑपरेशन करना चाहिए। वह खुलासा कर देंगे कि उन्होंने पद खरीदने के लिए कितना पैसा दिया था। पुलिस अधीक्षक, तहसीलदार, पटवारी, एसडीएम (अनुविभागीय दण्डाधिकारी), थाना प्रभारी और एक भी अधिकारी या कर्मचारी को थाना या पदास्थपना (पैसे दिए बिना) नहीं मिलती। यह भाजपा सरकार की सच्चाई है।’’
राज्य सरकार के अधिकारी एवं कर्मचारी ईमानदार हैं- CM Mohan Yadav
मुख्यमंत्री(CM Mohan Yadav) ने पटवारी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं ने नर्मदापुरम जिले के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए जो भाषा इस्तेमाल की है वह अपमानजनक है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ खड़ी है और कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए।’’ CM मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस 20 साल से अधिक समय से राज्य की सत्ता से बाहर है और जब वे कुछ समय के लिए सत्ता में आए भी तो सरकार चलाने में विफल रहे।
CM मोहन यादव ने कहा, ‘‘ राज्य सरकार के अधिकारी एवं कर्मचारी ईमानदार हैं। कोई भी अधिकारियों की निष्ठा और सरकार की कार्य-प्रणाली पर सवाल नहीं उठा सकता। उन्हें लोगों की भलाई के लिए निडर होकर काम करना चाहिए।’’
के.के. मिश्रा ने पार्टी के जीतू पटवारी के बयान का किया समर्थन
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पटवारी के मीडिया सलाहकार के.के. मिश्रा ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के बयान का समर्थन किया। मिश्रा ने कहा, ‘‘हाल में, अतिरिक्त जिलाधिकारी स्तर के अधिकारी को अपने कार्यालय में रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। वे अपना पद पाने के लिए खर्च किये गए पैसों की भरपाई करने के लिए रिश्वत लेते हैं।’’ उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री ने जो कहा वह सच है तो राज्य सरकार को सरकारी काम के लिए ली जाने वाली रिश्वत की दर सूची जारी करनी चाहिए।
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